Radha Krishn: Krishn - Arjun Gatha S3 Episode 05 04 Nov 2020 Full Episode In Hindi on Hostar Radha Krishna Serial.
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जैसा की आपने title देखते पता चल गया है की what a we going to talk about क्या होने वाला है radha krishna serial के Radha Krishn: Krishn - Arjun Gatha Arjun S3 - E05 - 04 Nov episode मे तो चलीये शुरु करते है.
आज के episode दीखाया जायेगा की सुभद्रा सभी को बताती है कि वह दुर्योधन से प्रेम नहीं करती और उनसे विवाह नहीं करना चाहती वह तो अर्जुन से प्रेम करती है.
यह सुनकर बलराम बहुत अधिक क्रोधित हो जाते हैं. दुर्योधन क्रोध में बलराम को कहने लगते हैं यदि आपने अपना वचन तोडा तो यह संसार आपको वचन से विमुख होने वाला बलराम कहेगे.
शकुनि कृष्ण के पास जाते है शकुनि को लगता है की वह कृष्ण नही बल्की पौड्रक है. शकुनि कृष्ण से कहते है की आप यह क्या कर रहे है.
आप सबकुछ बिगाड रहे है. आप जाकर सुभद्रा को इस विवाह केलिए सज्ज किजिऐ. यह सब कृष्ण कर रहा है.
तब कृष्ण बताते है की मेने कुछ नही किया मे तो अब तक जेल मे केद था. यह सब सुभद्रा का निर्णय है. यह सुनकर शकुनि चौक जाते है ओर कहते है की आप वासुदेव कृष्ण हो!!?
तब कृष्ण कहते है की हा, मे वासुदेव कृष्ण हु. तब शकुनि चोक कर वापस से दुर्योधन के पास चले जाते है.
बलराम क्रोध मे कहते है की मे अपना वचन नही तोडुगा. तब दुर्योधन बलराम को एक दिन का समय देते हैं. अपने वचन को पूरा करने के लिए ओर कहते है की कल आप सुभद्रा को विवाह करने केलिए सज्ज किजिए ओर फिर दुर्योधन वहा से चला जाता है.
बलराम यह बात सुन और भी अधिक क्रोधित हो जाते हैं और वह अर्जुन पर भी क्रोधित हो जाते हैं. अर्जुन कहते हैं कि उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता.
फिर बलराम कृष्ण पर भी क्रोधित होकर कहते है की पहले जब मेने तुमसे पुछा था तब तुमने इस विवाह केलिए स्विकार किया अब तुम भी पलट गये.
जब कृष्ण उन्हे समझा ने की कोशिश करते है तब बलराम उन्हे रोक कर कहते है की बस ! बहोत हो गया कान्हा बहोत बोल लिया तुमने. मे अुपने सिर पर यह कलंक नही लगने दुगा! यह कह कर बलराम वहा से चले जाते है.
अर्जुन कृष्ण से क्षमा मागते है की मुझे इस विषय मे कुछ भी नही पता था. तब कृष्ण उन्हे कहते है की मे तुमसे क्रोधित नही हु, बल्कि मुझे तुम पर गर्व है.
कृष्ण कहते है की तुम्हे सुभद्रा से प्रेम नही है तो कल तुम सबके सामने कह दो की तुम सुभद्रा से विवाह नही करना चाहते, तुम्हे उससे प्रेम नही है.
दुसरी तरफ दुर्योधन शकुनि से कहता है की यह पौड्रक क्या बोल रहा था! तब शकुनि बताते है की वह वासुदेव कृष्ण थे. शकुनि कहता है की हमे यह विवाह करना ही होगा.
दुर्योधन कहता है की किन्तु सुभद्रा अर्जुन से प्रेम करती है. शकुनि कहता है की अब अर्जुन का गान्डी धनुष्य टुट चुका है ओर उसके भाइयों भी यहा नही है.
यही सही समय है! अर्जुन की हत्या करने की. हमे अर्जुन को मार ना होगा.
दूसरी तरफ श्री कृष्ण बलराम से बात करने के लिए जाते हैं बलराम दाऊ कृष्ण की बात नहीं सुनते बलराम दाऊ कहते हैं तुमने आज मुझे आहत किया है.
कृष्ण कहते हैं तब आपने भी तो मुझे बहुत आहत किया है आप तो किसी बहरूपिया को अपना कृष्ण समझ बैठे थे. एक बार भी नहीं समझे कि वह बहरूपिया है ना कि कृष्ण.
बलराम चौक जाते हैं कृष्ण बताते हैं कि उसे जरासन, शकुनि ओर दुर्योधन ने भेजा है. वह छल से आप से वचन लिया ताकि सुभद्रा का विवाह दुर्योधन से हो जाए और आप और मैं हस्तिनापुर की तरह और पांडवों का राजसूय यज्ञ ना हो पाए.
तब बलराम कृष्ण की बातों को समझ जाते हैं. बलराम रो कर कृष्ण से क्षमा मागते है ओर कहते मे इस ससांर ओर इस कुल से अलग हो जाऊगा.
जिससे हमारे हमारे यदुवंशी पर यह कलक ना लगे लेकिन अब मे यह विवाह दुर्योधन से नही करवाऊगा! तब कृष्ण उन्हे शात करके कहते है की
यदी ऐसा हो जाये की आपका वचन भी पुर्ण हो जाऐ ओर सुभद्रा का जिससे विवाह करना चाहती है वो भी हो जाये! तब बलराम कहते है की क्या यह सभंव है? तब कृष्ण कहते है की आप यह मुझ पर छोड दीजिए, मे सब कुछ ठीक कर दुगा.
फिर राधा बासुरी बजाकर कृष्ण को बुलाती है. कृष्णवराधा के पास आते है. राधा कृष्ण को देखकर कृष्ण की पिटाई करने लगती है.
कृष्ण पुछते है की मेने क्या कीया जो तुम मुझे मार रही हो? राधा बताती है की तुमने अर्जुन को यह क्यो कहता की वह सबके सामने यह कह दे की वह सुभद्रा से प्रेम नही करता ओर तुमने दाऊ को भी कहा की तुम उसके वचन की भी पुरती करोगे.
कृष्ण बताते है की मेरा विश्वास करो वही होगा जो सुभद्रा चाहती है. तुम्हे कल केलिए सुभद्रा का श्रिगांर करना है. बाकी सब मे कल कर लुगा.
फिर कृष्ण राधा से कहते है की आज मेरे लिए कुछ नहीं लाई? में जेल मे था तब तुम मेरे लिए माखन ओर खार लाती थी. जब से बाहर निकल तब यह सब भी बध कर दीया!
मे वापस जा रहा हु उस जेल मे. राधा रोकती है ओर कहती है की तुम कही नही जा रहे.
दुसरी ओर शकुनि ओर दुर्योधन पौड्रक को जेल से बाहर निकालते है. फिर शकुनि पोड्रक को बताते हैं कि सारा खेल कृष्ण ने बिगाड़ दिया है.
शकुनि कहता है की यह सही समय है. आप अर्जुन का वंध कर दीजिए. पौड्रक मान जाता है ओर फिर तीनो अर्जुन को मारने का षड्यंत्र रचते हैं. कृष्ण यह सब देख रहे होते ओर आज का episode यही पर खत्म होता है.
दोस्तों आज के लिए इतना ही अगले हफ्ते में दिखाया गया है कृष्ण अगले अध्याय की ओर बढ़ रहे हैं.
यह सुनकर बलराम बहुत अधिक क्रोधित हो जाते हैं. दुर्योधन क्रोध में बलराम को कहने लगते हैं यदि आपने अपना वचन तोडा तो यह संसार आपको वचन से विमुख होने वाला बलराम कहेगे.
शकुनि कृष्ण के पास जाते है शकुनि को लगता है की वह कृष्ण नही बल्की पौड्रक है. शकुनि कृष्ण से कहते है की आप यह क्या कर रहे है.
आप सबकुछ बिगाड रहे है. आप जाकर सुभद्रा को इस विवाह केलिए सज्ज किजिऐ. यह सब कृष्ण कर रहा है.
तब कृष्ण बताते है की मेने कुछ नही किया मे तो अब तक जेल मे केद था. यह सब सुभद्रा का निर्णय है. यह सुनकर शकुनि चौक जाते है ओर कहते है की आप वासुदेव कृष्ण हो!!?
तब कृष्ण कहते है की हा, मे वासुदेव कृष्ण हु. तब शकुनि चोक कर वापस से दुर्योधन के पास चले जाते है.
बलराम क्रोध मे कहते है की मे अपना वचन नही तोडुगा. तब दुर्योधन बलराम को एक दिन का समय देते हैं. अपने वचन को पूरा करने के लिए ओर कहते है की कल आप सुभद्रा को विवाह करने केलिए सज्ज किजिए ओर फिर दुर्योधन वहा से चला जाता है.
बलराम यह बात सुन और भी अधिक क्रोधित हो जाते हैं और वह अर्जुन पर भी क्रोधित हो जाते हैं. अर्जुन कहते हैं कि उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता.
फिर बलराम कृष्ण पर भी क्रोधित होकर कहते है की पहले जब मेने तुमसे पुछा था तब तुमने इस विवाह केलिए स्विकार किया अब तुम भी पलट गये.
जब कृष्ण उन्हे समझा ने की कोशिश करते है तब बलराम उन्हे रोक कर कहते है की बस ! बहोत हो गया कान्हा बहोत बोल लिया तुमने. मे अुपने सिर पर यह कलंक नही लगने दुगा! यह कह कर बलराम वहा से चले जाते है.
अर्जुन कृष्ण से क्षमा मागते है की मुझे इस विषय मे कुछ भी नही पता था. तब कृष्ण उन्हे कहते है की मे तुमसे क्रोधित नही हु, बल्कि मुझे तुम पर गर्व है.
कृष्ण कहते है की तुम्हे सुभद्रा से प्रेम नही है तो कल तुम सबके सामने कह दो की तुम सुभद्रा से विवाह नही करना चाहते, तुम्हे उससे प्रेम नही है.
दुसरी तरफ दुर्योधन शकुनि से कहता है की यह पौड्रक क्या बोल रहा था! तब शकुनि बताते है की वह वासुदेव कृष्ण थे. शकुनि कहता है की हमे यह विवाह करना ही होगा.
दुर्योधन कहता है की किन्तु सुभद्रा अर्जुन से प्रेम करती है. शकुनि कहता है की अब अर्जुन का गान्डी धनुष्य टुट चुका है ओर उसके भाइयों भी यहा नही है.
यही सही समय है! अर्जुन की हत्या करने की. हमे अर्जुन को मार ना होगा.
दूसरी तरफ श्री कृष्ण बलराम से बात करने के लिए जाते हैं बलराम दाऊ कृष्ण की बात नहीं सुनते बलराम दाऊ कहते हैं तुमने आज मुझे आहत किया है.
कृष्ण कहते हैं तब आपने भी तो मुझे बहुत आहत किया है आप तो किसी बहरूपिया को अपना कृष्ण समझ बैठे थे. एक बार भी नहीं समझे कि वह बहरूपिया है ना कि कृष्ण.
बलराम चौक जाते हैं कृष्ण बताते हैं कि उसे जरासन, शकुनि ओर दुर्योधन ने भेजा है. वह छल से आप से वचन लिया ताकि सुभद्रा का विवाह दुर्योधन से हो जाए और आप और मैं हस्तिनापुर की तरह और पांडवों का राजसूय यज्ञ ना हो पाए.
तब बलराम कृष्ण की बातों को समझ जाते हैं. बलराम रो कर कृष्ण से क्षमा मागते है ओर कहते मे इस ससांर ओर इस कुल से अलग हो जाऊगा.
जिससे हमारे हमारे यदुवंशी पर यह कलक ना लगे लेकिन अब मे यह विवाह दुर्योधन से नही करवाऊगा! तब कृष्ण उन्हे शात करके कहते है की
यदी ऐसा हो जाये की आपका वचन भी पुर्ण हो जाऐ ओर सुभद्रा का जिससे विवाह करना चाहती है वो भी हो जाये! तब बलराम कहते है की क्या यह सभंव है? तब कृष्ण कहते है की आप यह मुझ पर छोड दीजिए, मे सब कुछ ठीक कर दुगा.
फिर राधा बासुरी बजाकर कृष्ण को बुलाती है. कृष्णवराधा के पास आते है. राधा कृष्ण को देखकर कृष्ण की पिटाई करने लगती है.
कृष्ण पुछते है की मेने क्या कीया जो तुम मुझे मार रही हो? राधा बताती है की तुमने अर्जुन को यह क्यो कहता की वह सबके सामने यह कह दे की वह सुभद्रा से प्रेम नही करता ओर तुमने दाऊ को भी कहा की तुम उसके वचन की भी पुरती करोगे.
कृष्ण बताते है की मेरा विश्वास करो वही होगा जो सुभद्रा चाहती है. तुम्हे कल केलिए सुभद्रा का श्रिगांर करना है. बाकी सब मे कल कर लुगा.
फिर कृष्ण राधा से कहते है की आज मेरे लिए कुछ नहीं लाई? में जेल मे था तब तुम मेरे लिए माखन ओर खार लाती थी. जब से बाहर निकल तब यह सब भी बध कर दीया!
मे वापस जा रहा हु उस जेल मे. राधा रोकती है ओर कहती है की तुम कही नही जा रहे.
दुसरी ओर शकुनि ओर दुर्योधन पौड्रक को जेल से बाहर निकालते है. फिर शकुनि पोड्रक को बताते हैं कि सारा खेल कृष्ण ने बिगाड़ दिया है.
शकुनि कहता है की यह सही समय है. आप अर्जुन का वंध कर दीजिए. पौड्रक मान जाता है ओर फिर तीनो अर्जुन को मारने का षड्यंत्र रचते हैं. कृष्ण यह सब देख रहे होते ओर आज का episode यही पर खत्म होता है.
दोस्तों आज के लिए इतना ही अगले हफ्ते में दिखाया गया है कृष्ण अगले अध्याय की ओर बढ़ रहे हैं.
Thank you for Reading this Post.. and Radhe Radhe
अगर आप राधा कृष्ण अर्जुन का था रोज देखते है तो हमारी website को folllow किजिए. Radhe Radhe...
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