Hostar Radhey Krishn: Krishn - Arjun Gatha S2 Episode 34 27 August 2020 Full Episode In Hindi on Hostar Radha Krishna Serial.
Hello guys, very Good morning all of you and radhe radhe. स्वागत हैं हमारी website radha krishna serial. जैसा की आपने title देखते पता चल गया है की what a we going to talk about क्या होने वाला है radha krishna serial के Radha Krishn: Krishn - Arjun Gatha Arjun S2 - E34 - 27 Aug episode मे तो चलीये शुरु करते है.
आज के episode मे दीखाया जायेगा की देवराज इंद्र और अर्जुन के बीच में महान युद्ध होने लगता है. युद्ध ऐसा होता है कि अर्जुन अग्निबाण तो इंद्रदेव होते हैं वह बरसात करते हैं. बार-बार अर्जुन अपना अग्निबाण और बार-बार अग्निदेव बरसात कर देते हैं.
उसी बीच में कुंती आ जाती है कृष्ण से कहती हैं कि अर्जुन को रोको नहीं तो अर्जुन के प्राण संकट में पड़ जाएंगे. तब कृष्ण मना कर देते. इधर से अग्नि बाण छोड़ते छोड़ते अर्जुन थकते नहीं.
उधर से तक्षक बार-बार यही कहता है कि इसको मार दीजिए इस अर्जुन को मार दीजिए. तब इंद्र कहते हैं कि यह मेरा दैविक पुत्र है जिसके कारण में से नहीं मार सकता हूं. तुम इसके बारे में सोचना भी नहीं.
इसके पश्चात अर्जुन बार-बार अग्निबाण मारते हैं लेकिन वह असफल रहते हैं. तब अर्जुन माधव से कहते कि मुझे क्या करना चाहिए. तब कृष्ण कहते हैं क्रोध को छोड़कर अपनी अंदर की अग्नि को जगाओ मतलब अग्निदेव को बुलाओ.
कृष्ण कहते है कि तुम अग्नि देव को कैसे बुलाओगे? अग्निदेव को प्रसन्न करने केलिए तुम्हे कोई आहुति देनी पडेगी. तब अर्जुन कुछ ऐसा करता है वह अपने पांच बाणों का संधान करता हैं.
जिसके पश्चात अर्जुन संकल्प करते हैं और कहते हैं कि सभी लोग अग्निदेव को अपने अंग की आहूति देते हैं. लेकिन आज मैं स्वयंम् की ही आहूति दूंगा और स्वयं की आहुति से अगर अग्निदेव मुझ पर प्रसन्न हो तो अग्निदेव अवश्य प्रकट हो.
फिर चारों ओर अपनी और अग्नि को प्रज्वलित कर लेते हैं. सभी लोग मना करते हैं लेकिन अर्जुन अपने तपोबल से अपने शरीर को जलाने लगते हैं. जलाते जलाते हैं यहां तक कि भीम भी देखते हैं कृष्ण से कहते है कि मेरे भ्राता को रोकिए कृष्ण.
तब वही उसी बीच में अग्निदेव प्रकट हो जाते हैं और प्रकट होने के पश्चात अर्जुन से कहते हैं कि तुमने बहुत बड़ा पराक्रम दिखाया है. सभी लोग मुझे आहुतियां देते लेकिन तुमने स्वयंम् की आहुति दी है जिसके कारण मे तुम से प्रसन्न हु.
अग्निदेव अर्जुन से कहते है की मागो तुम्हे जो चाहे वो मिलेगा. तब अर्जुन कहता है की मुझे यह वन जलाना है. मुझे आपकी पुर्ण अग्नि चाहिए.
जिसके कारण अर्जुन से अग्नि देव कहते हैं कि मैं तो समस्त अग्नि दूंगा जिसके लिए मैं तुम्हें गांडीव धनुष दूंगा. गांडीव धनुष को प्रकट करने के लिए वे कहते हैं इसमें ही मेरी समस्त अग्नि समाहित हो सकती है.
इसके द्वारा तुम अपना संधान कर सकते हो जिसके पश्चात यह बात को देखते हुए कृष्ण कहते है कि जितना गांडीव अर्जुन से जाना जाएगा. उतसे ज्यादा अर्जुन से गाड़ी गाडीव जाना जायेगा.
कृष्ण कहते हैं समस्त संसार अब से अज्रुन को गांडीव धारी अर्जुन कह लाएगा. फिर तक्षक कहता है कि यह तो अगला बार छोड़ रहा. इंद्रजी मेरी रक्षा कीजिए. तब अर्जुन अगल बार छोड़ देते हैं और इंद्रदेव कुछ भी नहीं कर पाते.
अंत में जब इद्र बरसात लाते है तब अर्जुन फिर से मैं अपना बाण छोड़ते है. इंद्रदेव तब भी अर्जुन के बाणो को रोक नहीं पाते. अंत में इतनी बात बढ़ जाती है कि तक्षक जलने लगता है तब इंद्र देव कहते हैं कि रुक जाओ अर्जुन अन्यथा अनर्थ हो जाएगा.
इद्र कृष्ण से पुछते है की मे वचन से बन्ध हु. मे अपने ही पुत्र तो नही मार सकता मैं नहीं जानता की मुझे क्या करना चाहिए. तब कृष्ण कहता है की अर्जुन अपना कर्म कर रहा है. आप अपना कर्म किजिए.
तब अपनी वचन की पूर्ति के लिए इंद्रदेव स्वयंम् अपना व्रज्र चलाते हैं तब चलाने के बाद अर्जुन कहते हैं कि मैं भी अपने बाणों से ब्रह्मास्त्र चला लूंगा. ब्रह्मास्त्र और इंद्र देव का व्रज्र दोनों आमने सामने आने लगते है.
आमने सामने आने के पश्चात कृष्ण चुटकी बजाकर रोक देते हैं और इंद्र को समझाते हैं और कहते हैं कि आप यह क्या कर रहे हैं क्या आप अभी पर्लय करने वाले हैं. इद्र कहते है की तो मे क्या करु. तब कृष्ण कहते है की अर्जुन को यह वन दे दीजिए ओर
आप तक्षक को यहा के चले जाने को कहीऐ. इद्र मान जाते है ओर वह अपना व्रज्र वापस ले लेते है. फिर कृष्ण ब्रह्मदेव से ब्रह्मास्त्र वापस लेने को कहते है. फिर कृष्ण आख झपका कर वापस शुरु कर देते है.
इद्र तक्षक को इस वन से जाने को कहते है. तब तक्षक कहता है की आप एक छोटे से मनुष्य से हार गये? तब इद्र अपनी हार स्वीकार ते है. तब तक्षक कहता है की मे अपना प्रतिशोध जरुर लुगा. मे वापस आऊगा. यह कह कर वहा से चला जाता है.
फिर इद्रदेव अर्जुन के पास आता है ओर कहता है की तुमने मुझे परास्त कर दीया है. इसलिए यह प्रदेश इद्रप्रस्त से जाना जायेगा. महल बनाने मे तुम्हारी सहायता विश्वकर्मा करेगे. ओर आजा का episode यही पे खत्म होता है.
कल के एपिसोड की स्टोरी में अर्जुन के विदा लेने के पश्चात कृष्ण रथ पर सवार होते हैं और कहते हैं कि अभी मुझे द्वारिका जाना अवश्य होगा.
इधर से राधा आएंगे और राधा कृष्ण मिलेंगे और कृष्ण राधा से कहेंगे कि इस बार तुम भी मेरे संग द्वारिका आ रही हो और कृष्ण रथ पर सवार होकर द्वारिका के लिए प्रस्थान करेंगे.
इधर से शकुनि षडयत्र रचता है. पौड्रक को द्वारिका भेजेगा जो बासुदेव कृष्ण के ही रूप में होगा और कृष्ण के रूप में होने के कारण वह कृष्ण को ही बंदी बना लेगा.
कुछ इस प्रकार का दृश्य आप देख सकते हैं बंदी बना लेगा और जिसके पश्चात कृष्ण और पौंड्रक आमने सामने आ जाएंगे कृष्ण और पौंड्रक आमने सामने आएंगे.
Thank you for Reading this Post.. and Radhe Radhe
अगर आप राधा कृष्ण अर्जुन का था रोज देखते है तो हमारी website को folllow किजिए. Radhe Radhe...
Radha Krishna Previous Episode
Radha Krishna Whatsapp Status & Krishna Quotes
Radha Krishna Related Amazing Posts
Radha Krishna Related Amazing Posts
.
0 Comments
Please do not enter any span links in comment box