Star Bharat Radha Krishn: Krishn - Arjun Gatha S2 Episode 31 24 August 2020 Full Episode In Hindi on Hostar Radha Krishna Serial.
Hello guys, very Good morning all of you and radhe radhe. स्वागत हैं हमारी website radha krishna serial. जैसा की आपने title देखते पता चल गया है की what a we going to talk about क्या होने वाला है radha krishna serial के Radha Krishn: S2 - E31 - 24 Aug episode मे तो चलीये शुरु करते है.
आज के episode मे दीखाया जायेगा की शकुनि कहता है की कृष्ण को वश मे करने का केवल एक ही उपाय है. वह है उसकी भावनाऐ. तब दुर्योधन पुछता है की कृष्ण की कोनसी भावनाऐ हमे वश मे करना है? तब शकुनि कुछ नही बोलता है ओर हसता है.
दुसरी ओर कृष्ण यह सब देख रहे होते है. तब वहा बलराम आते है ओर कहते है की तुमने कहा था की अब घर्म ही अर्जुन को सिखायगा. तो अब हमारा यहा कोई कार्य नही है कितने दिन हो गए हैं. अभी तक हम अपने घर द्वारिका नहीं लौटे हैं. इसलिए कृष्ण अब हमें द्वारिका लौट जाना चाहिए
तब कृष्ण कहते है की जैसा आप कहते है की वैसा ही होगा जो आप चाहते है. तब बलराम समझता है की कृष्ण वापस द्वारिका जाने केलिए तैयार है. वह खुश होकर जाने की तैयारी करने जाता है. तब कृष्ण कहते है की दाऊ आपने कल केलिए आज का सोच लिया किन्तु कल ओर आज के बिच्च के बारे मे कोई नही जानता की कब क्या हो जाऐ.
दुसरी ओर पाडंवो तैयार हो जाते हैं खांडवप्रस्थ को जाने के लिए. तब महाराज कहते है की इतनी शिग्रह किस लिए? अभी थोडा रुक जाव. कुछ दीन के बाद चले जाना. तब युधिष्ठिर कहते है की जिसकी जहा जगह हो उसे वही चले जाना चाहिए.
उसी बीच में दुर्योधन आता है और दुर्योधन कहता है कि आप कुंती माता रुक जाइए आप तो यहां की राजमाता है तब वह बताती हैं कि मैं यहां की राजमाता बाद में हूं पहले मैं अपने पुत्रों की माताओं जिसके कारण जहां मेरे पुत्र रहेंगे वहीं पर मैं रहूंगी.
यह बात को सुनते हुए दुर्योधन ने एक वचन दे देता है कि जब आपका सारा कार्य सिद्ध हो जाएगा और आप एक व्यवस्थित राज्य के रूप में रहने लगेंगे तब आप के कहने पर मैं आप लोगों से मिलने के लिए आऊंगा.
यह सुनकर कृष्ण सबके सामने तालीया बजातर कहते है की वाह दुर्योधन! भावी राजा होने बाद भी तुमने सबके सामने यह साबित कर दीया. की राज्य के दो भाग हो जाने के बाद भी तुम्हारा ओर पाडवो का स्नेह ऐक ही है. इसलिए वह जब बुलाऐगे तब तुम वहा जाओगे.
यह बात को सुनते हुए कशुनि दुर्योधन को कहता है कि अपनी जीवा पर नियंत्रण करो. यह वचन देकर तुमने अपने उपर आपद लादी. जो कृष्ण को पता चल गई है.
उसके बाद अर्जुन सबसे पुछते है की पितामह कहा है. तब कृष्ण कहते है की पितामह एक वीर है, समस्त हस्तिनापुर के सैनापती है. सभी उनकी आखो आसु ना देख सके. इसलिए वह यहा सभा मे नही आये.
दुसरी ओर पितामह दुखी होते है. तब अर्जुन वहा आते है. पितामह कहते है की यदी मे हस्तिनापुर की ढाल हु. तो तुम भी पाडवो का बीज हो. तुम्हे अपने आपसे विश्वास करना होगा. अबसे तुम्हारी नयी यात्रा आरंभ होगी.
मे हस्तिनापुर के वचनो मे बन्धा हुआ हु. यदी समय आया तो मे तुम्हारे विरुद्ध भी हो सकता हु. तब अर्जुन कहता है की यह आप क्या कह रहे है. आप वचनो मे बधे हुऐ है. किन्तु अर्दुन नही, मे म ऐसा कदापि नही करुगा. मे आपसे युद्ध कभी नही करुगा.
फिर पाडवो ओर कुन्ती जाये है. उसके बाद कृष्ण ओर बलराम भी महाराज को प्रणाम करके द्वारिका जाने को कहते है. तब शकुनि दुर्योधन को कहता है की यही सही समय है कृष्ण को वश मे करने का, तुम्हे पता है ना तुम्हे अब क्या करना है!
कृष्ण ओर बलराम जा रहे होते है, तब वहा दुर्योधन रोकता है ओर वहा दुर्योधन कृष्ण की जगह बलराम को प्रणाम करके कहता है की आप ऐसे कैसे जा सकते है. आप मेरे गुरु है, आपने मुझे वचन दीया था की आप मुझे मल्ल युद्ध सिखायगे.
तब कृष्ण मन मे ही दाऊ को कहते है की मेने आपको उस दीन कहा था की आपको ऐसा वचन नही देना चाहिए. दाऊ दुर्योधन को कहते है की मे तुम्हे किसी ओर दीन सिखाऊगा. अभी मुझे तुम जाने दो.
तब दुर्योधन कहता है की अभी सही समय है. शकुनि कहता है की कृष्ण अभी पाडवो के साथ खांडवप्रदेश जायेगे, वहा कुछ दीन रहेगे. तब तक आप चार - पाच दीन केलिए रह लिजिए. उसके बाद कृष्ण जब द्वारिका का जायेगे. तब वह आपको बता देगे.
बलारम कृष्ण से पुछता है तब कृष्ण कहते है की हा, मे पाडवो के साथ कुछ दीन रहुगा. तब बलारम मान जाता कुछ दीन दुर्योधन को सिखाने केलिए. फिर कृष्ण वहा से चले जाते.
तब शकुनि कहता है की जाईये, वासुदेव कृष्ण आप पाडवो की सहायता नही करगे. बल्की आप लडाईया करवायेंगे जब आपका भाई आपकी विरुद्ध लडेगा. अब मे कैसे दो भाई यो को ऐक दुसरे के साथ लडवा ऊगा.
दुसरी ओर पाडवो सभी प्रजाओ को कहते है की अब आप चले जाईये. लेकिन प्रजा नही मानती तब अर्जुन कहता है की हमे रथ मे जाकर पैदल जाना चाहिए. ताकी हम सभी वासियो से विदा ले सके. तब सभी पाडवो मान जाते है.
फिर सभी खाडंवप्रदेश पहोचते है. तब पाडवो सभी से विदा लेकर आगे बढते है. उसके पश्चात सभी पाडवो देखते हैं कि यहां पर एक जल की ऐक बूंद तक नहीं है. तब अर्जुन कहते है की हमे जल ढुढना चाहिए.
तब युधिष्ठिर अर्जुन को तालाब से पानी लेने केलिए कहता है. तब द्रोपदी भी अर्जुन के साथ जाने को कहती है. यह देखकर कुन्ती सोचती है की द्रोपदी केवल अर्जुन की साथ ही क्यो गई. फिर दोनो पानी ढुढने जाता है.
तब वहा नागराज तक्षक यह सब देख रहा होता. ओर आज का episode यही पे खत्म होता.
कल के episode मे गीखाया जायेगा की कृष्ण और राधा एक संग बैठे होंगे है उसी बीच में कृष्ण कहेंगे कि जो अर्जुन मेरा सारथी बनने को सज्ज तो है धर्म का लेकिन मेरे उसे भी अनेको कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.
इधर से अर्जुन बिल्कुल अकेले हो जाते हैं अर्जुन. अर्जुन कहता है की जो कोई भी सामने आओ तब दक्षक प्रकट हो जाता है और कहेता है कि अब तेरी मृत्यु होकर रहेगी.
अगर आप राधा कृष्ण अर्जुन का था रोज देखते है तो हमारी website को folllow किजिए. Radhe Radhe...
Radha Krishna Previous Episode
Radha Krishna Whatsapp Status & Krishna Quotes
Radha Krishna Related Amazing Posts
Radha Krishna Related Amazing Posts
0 Comments
Please do not enter any span links in comment box