Radha Krishn: Krishn - Arjun Gatha S2 Episode 36 31 August 2020 Full Episode In Hindi on Hostar Radha Krishna Serial.
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जैसा की आपने title देखते पता चल गया है की what a we going to talk about क्या होने वाला है radha krishna serial के Radha Krishn: Krishn - Arjun Gatha Arjun S2 - E35 - 31Aug episode मे तो चलीये शुरु करते है.
आज के episode मे दीखाया की पौंड्रक वासुदेव राधा से कहते हैं. तुम्हें मेरी बहन सुभद्रा को तैयार करना होगा कि वह दुर्योधन से विवाह करने के लिए मान जाए. राधा बोलती है किंन्तु कृष्ण वह अधर्मी है.
पौड्रक बोलता है की वह अधर्मी था. तुम बहुत भोली हो राधा, मेरे बहुत सारे शत्रु है. तुम मेरा यह विशेष कार्य करोगी ना? राधा बोलती है कृष्ण ने कहा है तो मैं जरूर करूंगी.
तो दोस्तो राधा अब सुभद्रा को दुर्योधन के बारे में बता रही होती है. उससे पहले सुभद्रा यही बोलती है कि आपके बारे में बहुत सुना है. कृष्ण आपके बहुत करीब है. उसके बाद राधा विवाह बात चलाती है कि अब तुम्हारा विवाह का समय हो गया है.
फिर राधा दुर्योधन के बारे में बताती है. तब सुभद्रा बोलती है युवराज के बारे में बताते हुए आपके अंदर एक झिझक दिख रही है मुझे. राधा कहती है क्योंकि उनके बारे में मैंने बस सुना है. मैंरे कोई विश्वसनीय सूत्रों के द्वारा पता चला है.
उसके बाद राधा कृष्ण को खोजती है इस बारे में बात करनी है क्योंकि उसके मन में एक झिझक रही जाती है. पौंड्रक श्री कृष्ण के स्थान पर अपना हक जमाने लगता है और उनको लगता है कि मैं ही सच्चा कृष्ण हूं.
वह तो बहरूपिया है, ना यहां उसका चित्र है, ना उसके बारे में कही पे कुछ लिखा है. उसके बाद रुकमणी आती है और कृष्ण से रुठी सी रहती है लेकिन पौड्रक की गंदी नियत पड़ जाती है रुकमणी पर वह कहता जितना मैंने सुना था उससे भी ज्यादा सुंदर है.
रुक्मणी बोलती है आप ना मेरे पास आए, ना आपने मुझे आपका अभिनंदन करने दिया ओर आपने मेरा अभिनंदन भी नही किया. जैसे ही पौड्रक रुकमणी के पास जाता है और रुक्मणी को छूने की कोशिश करता है वैसी उसको जटका लग जाता है.
तब पौड्रक समझ जाता है कि वह ग्वाला का ही कोई चमत्कार है. कोई बात नहीं बाद में में कृष्ण को खत्म कर दूंगा उसके बाद कि उसकी सारी सुंदर पत्नि़या मेरी होगी. रुखमणी बोलती है की क्या हुआ कृष्ण? तो पौड्रक बोलता है मैं थक गया हूं तुम मुझे खाना परोस दो वहीं पर हम सारी बातें करेंगे.
दुसरी ओर बलराम, दुर्योधन और शकुनि विवाह की बात करना चालू कर देते हैं वहीं दूसरी तरफ पौंड्रक वासुदेव अपने आप ही को कृष्ण मान के अपने आप में जी रहा है. तब वहा शकुनी आता है और इस बारे में पूछता है कि आपने मना लिया ना?
पौड्रक कहते कि हां मैंने राधा को दुर्योधन से सुभद्रा का विवाह करवा ने लिये मना लीया है. शकुनि कहता है की राधा को कुछ संदेह तो नहीं हुआ? तो पौड्रक शकुनि को जमजम से चिल्लाने लगता है और बोलता है बोलने से पहले 10 बार सोच लिया करो.
फिर पौड्रक कहने लगता है कि जल्द से जल्द विवाह हो जाए उसके बाद में वासुदेव को द्वारिका से निकाल कर फेंक दूंगा उसके बाद द्वारिका का कृष्ण केवल पौंड्रक वासुदेव होगा. शकुनि कहता है की हमे यह विवाह कृष्ण से पहले करना होगा. तब पौड्रक कहता उसके लिए मेने सोच लिया है.
उसके बाद बलराम मिलता है सुभद्रा और रुक्मणी से दोनों बहुत ज्यादा खुश हो जाते देखकर तो बलराम बोलता है मैं तुम्हारे लिए उपहार लेकर आया हूं. तब सुभद्रा कहची है की क्या लाए हो?
बलराम बताता है कि मैं तुम्हारे लिए तुम्हारा वर लेकर आया हूं. उसके बाद वह दुर्योधन के बारे में बताता है. बलराम को पता चलता है कि श्री कृष्ण यहीं पर है. रुकमणी बताते है की कुछ ही क्षण पहले आए और कार्य में व्यस्त होने के कारण में से ढंग से मिल भी नहीं पाए.
दोस्तों उसके बाद शकुनी प्रोडक्ट से बोलता है जब तक कृष्ण यहां पर नहीं है हमें विवाह की शादी तैयारी करनी होगी तो पौड्रक कहता है की उसका भी उपाय है मेरे पास. बाद विवाह की तैयारी शुरू हो जाती है.
फिर दुर्योधन का भव्य रुप से स्वागत होता है और रुक्मणी और राधा वही खड़ी होती है. उसके बाद राधा और रुक्मणी कृष्ण को ढूंढते हैं तो कृष्ण मिलता नहीं तो राधा फिर देखने जाती कि कृष्ण है कहां?
तब दोस्तों पौड्रक कुछ ऐसी सारी बातें कर देता है जिससे राधा को यकीन हो जाता है कि वह कृष्ण है ही नहीं. पौड्रक बोलता है राधा से मैं तो तुमसे मिलना चाहता था. यह पूछने के लिए कि तुमने सुभद्रा को विवाह के लिए तैयार किया कि नहीं.
राधा कहती है की तुम दूर्योधन के बारे में एक बार और सोच लो मुझे सुभद्रा के लिए योग्य नहीं लग रहा. उसके बाद राधा बोलती है अगर सुभद्रा प्रेम ही ना करें दुर्योधन से तो? उसके बाद पौड्रक बोलता है.
सब कुछ प्रेम में थोड़ी ना होता है राधा. उससे पहले लाभ होता है और राजनीति होती है राधा यह सुनकर काफी चौक हो जाती है.
पौड्रक कहता है की हससे दो राज्यों का मिलन होगा. उसके बाद राधा समझ जाती यह मेरा कृष्ण है. मेरा कृष्ण ऐसा हो ही नहीं सकता. क्योंकि वह तो खुद ही प्रेम है किंतु कृष्ण है कहां?
उसके बाद असली श्री कृष्ण पधार रहे होते है. तब उनको सैनिक घेर लेते है और बोलते हैं हमें पहले ही सूचित कर दिया गया था कि श्री कृष्ण का कोई भैरूपिया आने वाला है. तो तुम बहरूपिया हो.
उसके बाद श्री कृष्ण उनकी बात मान लेते तो सैनिक बोलते है कि चलो चलो तुम्हें द्वारिकाधीश के पास ले जाएं और वही तुम्हें दंड देंगे उसके बाद श्रीकृष्ण को अंदर ले जाया जाता है. ओर आज का episode यही पे खत्म होता है.
कल के episode मे दीखाया जायेगा की आमने सामने कृष्ण ओर पौड्रक होते है. पौड्रक कृष्ण को अपना भैरुपिया घोषित कर देता है. और श्री कृष्णा अपने बारे में कुछ नहीं बोलते जबकि राधा जानती है कि वह असली कृष्ण है.
फिर बलराम श्रीकृष्ण को जेल में बंद कर देते है. वही अर्जुन भी वहां पहुंच जाता है और पौंड्रक कहता है कि तुम पांडवों को दुर्योधन को भावी राजा स्वीकार कर लेना चाहिए और मान लिया चाहिए कि वही राजा है.
तो श्रीकृष्ण ने अपने बारे में किसी भी प्रकार की सफाई देना जरूरी नहीं समझते लेकिन देखना पौंड्रक की सच्चाई अपने आप सबके सामने आ जाएगी क्योंकि राधा तो वैसे ही पहचान चुकी है और धीरे-धीरे उसके व्यवहार से बाकी लोग भी पहचान जाएंगे.
Thank you for Reading this Post.. and Radhe Radhe
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