Radha Krishn: Krishn - Arjun Gatha S2 Episode 33 26 August 2020 Full Episode In Hindi on Hostar Radha Krishna Serial.
Hello guys, very Good morning all of you and radhe radhe. स्वागत हैं हमारी website radha krishna serial. जैसा की आपने title देखते पता चल गया है की what a we going to talk about क्या होने वाला है radha krishna serial के Radha Krishn: Krishn - Arjun Gatha Arjun S2 - E33 - 26Aug episode मे तो चलीये शुरु करते है.
आज के episode मे दीखाया जायेगा की साधु-संत द्रोपदी को एक उदाहरण दिखाते इस तरह दोनों भाई राक्षसों का एकता का बलिदान हुआ एक कन्या के कारण लेकिन द्रपदी इस चीज को बहुत सम्मान पूर्वक लेती है.
उसके बाद बोलती है कि मुझसे भूल हो गई मैंने सिर्फ एक ही सेवा की लेकिन मैं आज वचन देती हूं कि मैं किसी के साथ भेदभाव नहीं करूंगी. जिससे कुंती भी बहुत प्रसन्न हो जाती है.
उसके बाद अर्जुन भी वचन देता है कि तुम्हें संसार की सारी सुख प्रदान करूंगा. यहा भव्य महल की स्थापना करुगा. तब कृष्ण अपनी आंखें बंद करके राधा का स्मरण करते हैं. तब राधा आता है राधा बोलती है की अर्जुन ने द्रोपदी केलिए बहोत अच्छा वचन दिया.
कृष्ण उसमें खुद कर्म की जागृति आ गई है. कृष्ण जी बोलते हैं धर्म की जागृति और धर्म की पूर्ति में उतना ही अंतर है जितना धरा और आकाश में. अर्जुन ने कोई भी उत्तर कृष्ण तरफ देखकर नहीं दिया उसने स्वयं खुद की पुरुषार्थ से ही दिया है.
ऐसे ही अर्जुन भ्रम से मुक्त होगा फिर राधा बोलती है मुझे अर्जुन में दीव्य तेज और निष्ठा दिखती है फिर वही धर्म स्थापना की सारी बात कृष्ण जी राधा से करते हैं. फिर अर्जुन वन की ओर जाते है.
अर्जुन घने वन में आते है तब नागराज को पता चलता है. नागराज अर्जुन रे सामने आता है. वह अपना पपिचय देता है फिर अर्जुन भी अपना परिचय देकर उसे यहा से जाने को कहता है.
नागराज कहता है की तुम पांडु पुत्र अर्जुन हो मैं तुम्हें नहीं खा सकता तुम यहां से चले जाओ अर्जुन बोलता है मैं यहां का स्वामी हूं और मैं यह जगह हासिल करके ही रहूंगा लेकिन जैसे ही अर्जुन तक्षक पर बाण चलाता है उसके सारे बाण नष्ट हो जाते हैं आसमान की बिजली के द्वारा.
तक्षक कहता है मेरी रक्षा कोन कर रहा है यह तुम्हें नहीं पता. इसलिए तुम यहां से लौट जाओ. फिर अर्जुन वहा से चला जाता है. क्योकी उसके सारे बाण विफल हो रहे थे.
दुसरी और बाकी पांडवों को कंकाल मिलता है. जिस कारण से वहां पर उन लोग किसी भी महल का निर्माण नहीं कर पाते. अर्जुन उस तक्षक के बारे में सोच रहा था कि क्या करना चाहि.
तभी कृष्ण जी उसको एक उदाहरण देते हैं. एक छोटा सा साप बील से निकलने लगता है तब भीम उसके पीछे पकडता है तो कृष्ण जी बोलते हैं कि जब तुम उसे बाहर निकाल ते हो तब वह शक्तिशाली नहीं रहता लेकिन वह अपने बिल के अंदर है तो वह शक्तिशाली है.
अर्जुन को उसका उत्तर मिल जाता है उसके बाद वह प्रण लेता है कि मैं अन्न का एक दाना नहीं लूंगा जब तक मैं महल का निर्माण नहीं कर देता इसके साथ-साथ सभी लोग उसको साथ करते और यही निष्ठा पालन करते हैं.
यह प्रेम भाव देखकर कृष्ण जी को राधा की फिर से याद आती है. वह फिरसे स्मरण करने लगते हैं क्योंकि जहां प्रेम है वहीं पर राधे हैं उसके बाद अर्जुन और बाकी पांडव बिल के बाहर यानि वन के बाहर से हमला करते हैं.
वहीं पर अर्जुन अपनी तीर चलाता है और बाद में पुरे वन मे आग लगा देता है. तब नागराज आता है और बताता है कि मेरे पास है इंद्र जी का सहयोग. जिससे इंदु जी ऊपर से बारिश करते हैं और जंगल की आग बुझ जाती है.
लेकिन अर्जुन हार नहीं मानता वह फिर से बाण चलाता है उसके बाद इन्द्र उनके तीर को वह बिजली से ही रोक देते हैं. जिस प्रकार वह पहले रोके थे.
फिर इंद्र जी को खुद स्वयं प्रकट होना पड़ता है ओर कहते है की कौन है वह मनुष्य जो मेंरे तक्षक को नुकसान पहुंचा रहा है. इंद्र जी आते हैं एपिसोड खत्म हो जाता है.
कल के एपिसोड में आप देखेंगे श्री कृष्ण जा रहे द्वारिका जाते है और कहते अर्जुन से जल्द भेट होगी. जिसमें कृष्ण जी कहते द्वारिका में तुम मेरे साथ आओगी राधे.
फिर आप देखेंगे शकुनी बोलता है दुर्योधन से मैंने कृष्ण के विरुद्ध एक मनुष्य को चुना है दोस्तों बहु बहोत कृष्ण की तरह दिखते हैं जो कृष्ण का हम सकल होता है और स्वभाव में कृष्ण के विपरीत होता है.
Thank you for Reading this Post.. and Radhe Radhe
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