Star Bharat Radha Krishn: Krishn - Arjun Gatha S2 Episode 32 25 August 2020 Full Episode In Hindi on Hostar Radha Krishna Serial.
Hello guys, very Good morning all of you and radhe radhe. स्वागत हैं हमारी website radha krishna serial. जैसा की आपने title देखते पता चल गया है की what a we going to talk about क्या होने वाला है radha krishna serial के Radha Krishn: Krishn - Arjun Gatha Arjun S2 - E32 - 25 Aug episode मे तो चलीये शुरु करते है.
आज के episode मे दीखाया जायेगा की अर्जुन ओर द्रोपदी दोनो पानी भरने जाते है. वहा पर बहोत सारे मगर होते है. तब अर्जुन कहता है की डरो मत मेरे होते हुऐ तुम्हे कुछ नही होगा. यह सुनकर द्रोपदी बहोत प्रसन्न हो जाती है ओर फिर दोनो साथ मे पानी भरते है.
उसके बाद सभी पाडवो अपने विश्राम करने की तैयारी करते है. तब अर्जुन ओर माता कुन्ती कृष्ण से कहते है की आप यहा सो जाईये. तब कृष्ण कुन्ती से कहते है आपको मेरी सेवा करने की कोई आवश्यकता नही है. मे आपका पुत्र समान हु.
मे बाहर किसी वृक्ष की छाव मे सो जाऊगा. यह कह कर कृष्ण वहा से चले जाते ह. फिर कृष्ण बाँसुरी बजाते हुऐ वन मे जा रहे होते है. वहा पे सभी वन्यजीव कृष्ण को देखकर मार्ग से पीछे हट जाते है.
बाँसुरी को सुनते हुऐ राधा वहा पहोच जाती है. कृष्ण राध से कहते है की तुमने देखा! जैसे मे वन से जा रहा था तब सभी वन्यजीव मार्ग से पीछे हट गये क्योकी वह कृष्ण का सम्मान करते है. किन्ति जब तुम आई तब यह वन्यजीव फिरसे तुम्हारे मार्ग से हट गये क्योकी राधा से सभी प्रेम करते है.
राधा कृष्ण से पुछती है की मुझे लगा था की घर्म स्थापना मे मानसिक कष्ट आयेगे किन्तु यह देखकर मुझे लग रहा गै की शारिरीक कष्ट भी आयेगे. तब कृष्ण कहते है की कृष्ण के साथ कृष्ण के सारथी को भी कठिनाइयों का सामना करना होगा.
कृष्ण बताते है की द्रोपदी पाँचो पाडवो की पत्नी है किन्तु वह प्रेम केवल अर्जुन ये करती है. द्रोपदी के इस कार्य से पाडवो की ऐकता टुट सकती है और अर्जुन कृष्ण भक्त मे खो गया है. इन दोनो को सही मार्ग मे लाना होगा.
तब राधा कहती है की कृष्ण अब तुम क्या करोगे? कृष्ण बताते है की अब मे नही करुगा भक्त को केवल भक्त ही समझा सकते है. राधा पुछती है की कोन है ऐसा भक्त? तब कृष्ण कहते है की एक व्यक्ति है.
दुसरी ओर स्वर्गलोक से नारकमुनि दीखा़या जाता है. नारक नारायण का जाप तर रहे होते है. तब वहा कृष्ण आते है. कृष्ण को देखकर नारकमुनि काफी प्रसन्न हो जाते है. कृष्ण नारकमुनि से कहते है की आपको पृथ्वी पर आना होगा. तब नारकजी मान जाते है.
दुसरी ओर सुबह होते ही युधिष्ठिर सभी को कहते है की अब हमे देर नही करनी चाहिए. हमे पांचों दिशाओं मे अलग होकर राज्य की स्थापना केलिऐ सामान लेकर आना है. तब अर्जुन कहते है की हमे माधव का आर्शीरवाद लेकर जाना चाहिए किन्तु वह रात से अभी तक आये नही.
तब युधिष्ठिर कहते है की वह आ जायेगे, हमे जाना चाहिए. तब द्रोपदी कहती है की जाने से पहले आप रात के फल खा लिजिऐ. आप लोको ने रात से कुछ नही खायाा. किन्तु सभी पांडवो मना कर देते है. तब द्रोपदी अर्जुन का हाथ पकड कर कहती है की कम से कम आप तो खा लिजिऐ.
तब वहा रिषि के रुप मे नारकमुनि वहा आते है. सभी पाडवो उन्हे प्रणाम करते है. रिषि कहते है की मुझे भुख लगी है. मुझे थोडा खाना खिला दो. तब युधिष्ठिर कहते है की रात के फल है. रिषि मान जाते है ओर कहता है की मे अकेले नही खाऊगा आप सबको मेरे साथ खाना होगा.
तब सभी खाना खाने बैठ जाते है. द्रोपदी रात के फल लेकर आती है. द्रोपदी सबसे पहले अर्जुन को फल देती है. यह देखकर नारकमुनि काफी क्रोधीत हो जाते है और कहते की तुमने मेरा अपमान कीया है.
मे यह भोजन अब नही करुगा. तब युधिष्ठिर ओर कुन्ती क्षमा मागते है. किन्तु नारकमुनी नही मानते ओर वह वहा जाते है तब वहा कृष्ण आ जाते है ओर कहते है की आप द्रोपदी को माफ कर दीजिऐ.
कृष्ण की बात नारकमुनि मान जाते है़. नारकमुनि कहते है की द्रोपदी को देखकर मे ऐक कहानी याद आ रही है. भोजन लेने से पहले मे आपको वह कहानी सुनाता हु.
नारकमुनि बताते है की एक समय पहले दो असुर भाईयो एक साथ रहते थे. वह दोनो खाना भी साथ मिलकर खाते थे. ऐक दीन उन दोनो ने ब्रम्हदेव का तप किया. उनकी कठिन तप से ब्रम्हदेव को आना पडा.
तब वह वरदान मागते है की हम दोनों एक दूसरे के हाथों ही मारे जाये अन्यथा कोई भी हमे नहीं मार सके. ब्रम्हदेव वरदान यह दे देते है. तब दोनो सभी लोक मे आतंक फैलाते है. वह सभी को मारने लगते है.
वह सभी लोक मे विजय हो जाते है. यह सब देखकर ब्रम्हदेव ऐक सुन्दर स्री को प्रकट करते है. वह पृथ्वी मे उन दो असुरो की पास जाने को कहते है. फिर दोनो उस स्री को देखकर उनसे विवाह करना चाहते है.
तब दोनो भाई उस स्री ये पुछते है की तुम्हे हम दोनो मे से कोन पसंद है? तब वह स्री बताती है की जो तुमे से अधिक शक्तिशाली होगा वह मुझे पसंद है. यह सुनकर दोनो भाई आपस मे लडने लगते है और फिर दोनो ऐक दुसरे को मार देते है.
नारकमुनि कहते है की उन दोनो की ऐकता ही उनकी शक्ति थी. वह कभी नही मर सकते थे. किन्तु केवल ऐक स्री की वजह से उन भाईयो की ऐकता टुट गई. जिससे वह आपस मे ही मर गये. यह सुनकर द्रोपदी काफी चिंतित हो जाती है ओर सभी उनकी तरफ देखते है. ओर आज का episode यही पे खत्म हो जाता है.
कल के एपिसोड की स्टोरी की बात करें तो अर्जुन अपने बार्णो के द्वारा तक्षक को डराते हुऐ कहते हैं कि तक्षक तुम यहां से चले जाओ. वहा आज मे तुम्हारा अंत कर दुगा. तब तक्षक कहता है कि तुम्हें अनुमान भी नहीं है कि मेरा रक्षक कौन है और आज का और कल का एपिसोड खत्म हो जाऐगा.
Thank you for Reading this Post.. and Radhe Radhe
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