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राधे Krishna के आज के Episode की में देखाया जायेगा कि Krishna सभी देवताओं के सामने खड़े होते हैं. Krishna समस्त देवताओं के सामने खड़े होंगे और सभी से कह रहे होंगे. मुझे धर्म का साथी चुना है और धर्म की शांति के लिए कुछ समय तो लग ही सकता है.
तब Krishna कहते हैं कि हमें पांडवों के संग कौरवों का भी चुनाव करना पड़ेगा और आज के ही दिन पर आप को दुर्योधन और दुशासन का भी रूप देखने को मिलेगा. तब Krishna कहते हैं कि मुझे कौरवों की तरफ भी देखना पड़ेगा कि कौरवों में कोई ठीक है या नहीं.
तब Krishna बात करते हैं दुर्योधन की जब दुर्योधन अपनी गदा लेकर आता है और एक हाथी पर प्रहार करता है. जिसके कारण हाथी की मृत्यु हो जाती है. कुछ ही देर में देखते हैं कि दुशासन भी आता और हाथी के ऊपर चढ़कर कहता है. कि जितनी मृत्यु होंगे उतना ही उत्तम बनेगा उतना ही आनंद आएगा.
यह बात को सुनते हुए Krishna बलराम थोड़ा चौक जाते हैं और समस्त देवताओं से विदा लेने के पश्चात श्री Krishna द्वारिका की ओर आते हैं और आज के Episode में आपको देखने को मिलेगा Krishna का एक नया रूप द्वारिकाधीश श्री Krishna का एक ऐसा रूप जो महाभारत के लिए शूट किया गया है.
तब Krishna बलराम के समक्ष कहते हैं कि अब हमें शीघ्र से निकलना पड़ेगा तब बलराम कहते हैं कि द्वारिका वासियों को क्या होगा? जब Krishna तुम्हारी आवश्यकता उनको होगी तब क्या करेंगे वह लोग?
तब Krishna कहते हैं कि मैं ऐसा कुछ कर लूंगा जिसके कारण उन्हें मेरी कभी भी आवश्यकता नहीं होगी. या कभी भी आवश्यकता हुई तो मैं उनके समक्ष प्रकट हो जाऊंगा. तब श्रीKrishna अपने शरीर को अपनी शक्ति के अनुसार कुछ बड़ा कर लेते जिसके बाद श्री Krishna अपने ही अपने ही शरीर से एक मोर पंख निकालते हैं. जो बहुत ही ज्यादा सुनहरा बहुत ही अद्भुत होता है और वह द्वारिका में जाकर समाहित हो जाता है.
द्वारिका में समाहित होने के पश्चात Krishna कहते हैं कि अब जब भी द्वारिका वासियों के मेरी आवश्यकता होगी. तब वह इस प्रकार मेरी शक्ति मेरे अंश के रूप में ही बैठ कर लेंगे.
इधर से दिखाया जाता है कि Radha बरसाना पहुंचती है. वहा कोई भी Radha से सम्मान के साथ नहीं बोलता. सब क्रूरता से देख रहे होते हैं. ऐसे देख रहे होते हैं कि Radha ने बहुत ही गलत कार्य किए हो.
तब Radha अपने बाबा उग्रपद जी के पास जाती है. तब उग्रपद Radha पर बहुत ज्यादा चिल्लाते हैं. और कुछ गुरशब्द कहते हैं जिसके कारण Radha बहुत ज्यादा दुःखी होती है. Radha की आंखों में आंसू आ जाते. लेकिन उन किसी को Radha की परवाह नहीं होती है.
ऊपर से अयंक आकर कहता है कि Radha तुम बहुत निल्ज हो. तुम्हारा और Krishna के बीच मेंअभी भी प्रेम प्रसंग चल रहा है. तुम भूल गई हो तुम मेरी पत्नी हो फिर भी तुम ऐसे कैसे कर सकती हो. तुम्हारा और Krishna के संग मलीन संबंध है. यह बात को सुनते हुए Radha कहती है कि मैंने ऐसा कोई भी कार्य नहीं किया था द्वारिका में जाकर. जो मेरे अनुचित हो. मैं मानती हूं Krishna के संग मेरा अनंत प्रेम है.
यह बात को सुनते हो उग्रपद फिर से Radha को चिल्लाते हैं. तब Radha कहती है कि मेरा और Krishna के बीच में शरीर का प्रेम नहीं आत्मा का प्रेम है. अगर आप समझेंगे तब आप समझ पाएंगे. तब उग्रपथ जी कहते हैं कि अब तुम दंड के पात्र हो. इसलिए मैं तुम्हें दंड देना चाहता हूं.
तब अयंक कहता है कि सबसे पहले मैं दंड दूंगा Radha को क्योंकी Radha ने मुझे बहुत ही ज्यादा दुख दिया है. अयंक कहता है कि Radha कल तक का मैं तुम्हें समय देता हूं. अगर कल तक तुमने Krishna और अपने बीच में जो मलीन संबंध है. उसे स्वीकार नहीं किया तो बहुत ही अनुचित तुम्हें दंड दिया
जाएगा. तब सभी गांव वालों से उग्रपद कह देते हैं कि जाइए परसों निर्णय होगा कि Radha के साथ क्या किया जाएगा.
इधर से Krishna मन मे ही कहते हैं तुम प्रतिशोध तो Radha से ले रहे हो लेकिन कुछ ऐसा होगा कुछ इस प्रकार जिसे तुमने सोचा भी नही होगा. Radha और Krishna के इस प्रकार मन ही मन के मंदिर में साथ होते है.
इधर से Krishna से बलराम पूछते हैं कि तुम क्या कह रहे हो? तब Krishna कहते हैं कि मैं कुछ भी नहीं कह रहा था. बलराम कहते हैं कि Krishna क्या मेरी भी इसमें कोई भूमिका होगी? तब Krishna कहते हैं कि हम पांचाल से मिलने जा रहे हैं. पांचाल के राजा से मिलने जा रहे हैं. जिसके कारण पांचाल से अगर हमारी संधि होती है तो तो ठीक है. अन्यथा युद्ध करना पड़ेगा. युद्ध के लिए आपको मैं ले जा रहा हूं. क्योंकि उनकी पुत्री है जिनका नाम पांचाली द्रोपदी है. उनका भी स्वयंबर होने ही वाला है.
इधर से दिखाया जाता है पांचाल नरेश और उनके ही पुत्र और पिता में वार्ता लाप होता है.
द्रोपदी का किसी ऐसे राजा संग हो जो बहुत ही ज्यादा प्रभावी हो. उसका विवाह उसीसे तय कर दिया जायेगा. वह कहते हैं कि पांचाल को पांचाली के लिए बहुत ही सुंदर सजाओ जिसके कारण पांचाली बहुत ही ज्यादा सुंदर लगे.
आज का Episode यहीं पर खत्म हो जाता है. कल के Episode मे दीखाया जायेगा की Krishna पांडवों से मिलेंगे और पांडवों के संग बुआ कुंती का भी कल रूप दिखाया जाएगा. तब पांडव कुछ ऐसी चीज भिक्षा में लेकर आए होते हैं. जिसे कुंती कहते हैं कि आप पांचों भाईयो मिलकर बाट लो.
इसके पश्चात Krishna वहां पर एक ग्वाली का रूप धारण करके आते हैं. तब वह कुंती से कुछ इस प्रकार कल के Episode में कहेंगे कि बुआ कुंती आपको एकदम इस प्रकार नहीं कह देना चाहिए कि पांचों भाईयो आपस मे मिलकर बांट लो. आप कोई भी चीज को देखे बिना उसको बांटने के लिए हमेशा कहती रही. एक बार दृष्टि तो डाल दीजिए. तो आज का Episode कल का Episode की स्टोरी यहीं पर खत्म होती है.
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