Star bharat Radha rishna serial episode 22 Nov, 2019 in english on radha krishna serial website. radha krishna serial related news and update in hindi and english and radha krishna status images in hindi nad gujarati languages available on radha krishna serial website.
22 - Nov hindi
Hello guys, very Good morning all of you and radhe radhe. स्वागत हैं हमारी website radhakrishnaserial.com
जैसाकी आपने title देखते पता चल गया है की what a we going to talk about कया होने वाला है radha krishna serial
आज के episode मे दीखाया जायेगा की कुटिला राधा की फटि इुई खीर की बात कहती है की राधा ने कृष्ण केलिए आखरी बार खीर बनाई ओर वह फट गई. इसलिए मेने स्वयम् अंतिमबार खीर बनाई है. जटिला कहती है की कृष्ण की विदाय सबके सामने भव्य होनी चाहिए फिर मैया कहती है मे मेरे लल्ला को सबके सामने ढोल - नगाडा के साथ विदाय करुगी ओर जटिला ओर कुटिला धोशणा करने चले जाते है की कृष्ण आज रात ही मथुरा केलिए निकलेगे.
दुसरी ओर राधा कृष्ण के तीलक की थाल सजा रही होती है तभी कुटिला कहती है की कृष्ण आज रात ही जा रहा है. राधा सोचती है की इतने कम समय मे वह सारे वचन को केसे पुरा करेगी.
दुसरी ओर कृष्ण कहते है की मे नही चाहता की सबको पता चले की मे ग्वाला नही ऐक राजकुमार हु. तभी मैया कहती है की मेने तुम्हें ढोल - नगाडा के साथ इसलिए विदा तरवाना चाहा क्योकी सार बरसाना ओर व्रिदावन तुमसे प्रेम करता है. फिर दाऊ कृष्ण को कहते है की यदी हम सबके सामने से गये तो राधा अपना वचन केसे पुरा करेगी. कृष्ण कहते है की यह राधा के कृष्ण को दीये गये अंतिम वचन है वह कृष्ण को दीये वचन किसी भी मुल्य मे पुरा करेगी दाऊ.
बाद मे पुरा बरसाना के लोग आते है ओर कृष्ण ओर बलराम की जय जय कार करने लगते है . मैया बताती है की मेरे पुत्रो ने बल्लयुद्घ मे विजय हुए है इसलिए कन्स ने उसे मथुरा बोलाया है. मैया उग्रपत से राज तीलक करने को कहते है क्योकी उन्हें राजकुमार जैसा तेज है.
उग्रपत थाल लेकर कृष्ण की ओर टीका लेकर आते है तभी राधा उनको रोकती है वह खुद थाल लेकर कृष्ण का टीका करने आती है. वह कहती है की कृष्ण का टीका केवल राधा के हाथो से होगा. तभी जटिला ओर अंयक राधा को कहते है की तुम्हें इतनी लज्जा नही आयी की तुम हम सबके सामने कृष्ण को अपना कृष्ण कह रही हो. ओर उग्रपत पुछते है की ऐसा कोनसा सबंध है इस कृष्ण के साथ, की तुम्हें इसका तीलक का अधिकार दीया जाये.
तो राधा कहती है की मेरा कृष्ण के साथ प्रेम का सबंध है. तो उग्रपत क्रोधित होजाते है ओर कहते है की तुम जानकी हो तुम क्या कह रही हो. जटिला कहती है की यह सब शरु से ही हो रहा था. मेने आपको बताया था. आज इस राधा को अपवित्र घोषित कर दीजिए. तो रीधा कहती है की क्या अनुचित कहा मेने, मे ओर कृष्ण बरसाना ओर व्रिदावन मे साथ खेले, इस धरा ओर वृक्ष ने समान प्रेम दीया है. यशोदा मैया, नन्द बाबा ओर दाऊ ने भी कृष्ण के समान प्रेम दीया है. कोन है इस बरसाना ओर व्रिदावन मे जीसने राधा कृष्ण को अलग अलग प्रेम किया है.
मैया कहती है की राधा कृष्ण प्रेम से जुडे है ओर मे स्वयम् राधा को कृष्ण का तीलक करने का अधिकार देती हु ओर यदी राधा ने तीलक नही कीया तो मे कृष्ण को जाने नही दुगी. तो उग्रपत कहते है की अब माता की आज्ञा स्वयम् इश्वर की आज्ञा होती है जाव राधा इसका पालन करो.
.कृष्ण इस समय चुटकी बजाकर समय को रोक लेते है. कृष्ण अपनी राधा से आखो मे आसु लेकर कहते है की आज मुझे बिलकुल वेसी ही प्केम की अनुभूति हो रही है जेसी तब हुई थी जब मेने तुम्हें प्रथम बार मिला था राधा. वह पहली बार की तरह कृष्ण अपनी राधा की लट्ट सवारते है ओर कहते है की तुम्हारे लट्ट को सवारना अभी शेष है.ओर आज का episode यही पे खतम हो जाता है.
अगले episode मे हम देखेगे की अक्रू कृष्ण और बलराम को रथ मे बिठाकर मथुरा जाने लगते है. तभी राधा आती है ओर रथ के सामने खडी हो जाती है और वह अंतिमबार कृष्ण के साथ विरहरास करने को कहती है और राधा कृष्ण अंतिमबार विरहरास शरु होता है. जिसमे कृष्ण और राधा पहली बार रास के समय खुशी नही आखो मे आसु लेकर अंनत नृत्य अनंत रास करते है.
बस आज के episode मे बस इतना ही अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आ रही हो तो हमे follow कीजिये ताकी हमारी Next Post की update आपको मिलती रहे.
22 - Nov hindi
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आज के episode मे दीखाया जायेगा की कुटिला राधा की फटि इुई खीर की बात कहती है की राधा ने कृष्ण केलिए आखरी बार खीर बनाई ओर वह फट गई. इसलिए मेने स्वयम् अंतिमबार खीर बनाई है. जटिला कहती है की कृष्ण की विदाय सबके सामने भव्य होनी चाहिए फिर मैया कहती है मे मेरे लल्ला को सबके सामने ढोल - नगाडा के साथ विदाय करुगी ओर जटिला ओर कुटिला धोशणा करने चले जाते है की कृष्ण आज रात ही मथुरा केलिए निकलेगे.
दुसरी ओर राधा कृष्ण के तीलक की थाल सजा रही होती है तभी कुटिला कहती है की कृष्ण आज रात ही जा रहा है. राधा सोचती है की इतने कम समय मे वह सारे वचन को केसे पुरा करेगी.
दुसरी ओर कृष्ण कहते है की मे नही चाहता की सबको पता चले की मे ग्वाला नही ऐक राजकुमार हु. तभी मैया कहती है की मेने तुम्हें ढोल - नगाडा के साथ इसलिए विदा तरवाना चाहा क्योकी सार बरसाना ओर व्रिदावन तुमसे प्रेम करता है. फिर दाऊ कृष्ण को कहते है की यदी हम सबके सामने से गये तो राधा अपना वचन केसे पुरा करेगी. कृष्ण कहते है की यह राधा के कृष्ण को दीये गये अंतिम वचन है वह कृष्ण को दीये वचन किसी भी मुल्य मे पुरा करेगी दाऊ.
बाद मे पुरा बरसाना के लोग आते है ओर कृष्ण ओर बलराम की जय जय कार करने लगते है . मैया बताती है की मेरे पुत्रो ने बल्लयुद्घ मे विजय हुए है इसलिए कन्स ने उसे मथुरा बोलाया है. मैया उग्रपत से राज तीलक करने को कहते है क्योकी उन्हें राजकुमार जैसा तेज है.
उग्रपत थाल लेकर कृष्ण की ओर टीका लेकर आते है तभी राधा उनको रोकती है वह खुद थाल लेकर कृष्ण का टीका करने आती है. वह कहती है की कृष्ण का टीका केवल राधा के हाथो से होगा. तभी जटिला ओर अंयक राधा को कहते है की तुम्हें इतनी लज्जा नही आयी की तुम हम सबके सामने कृष्ण को अपना कृष्ण कह रही हो. ओर उग्रपत पुछते है की ऐसा कोनसा सबंध है इस कृष्ण के साथ, की तुम्हें इसका तीलक का अधिकार दीया जाये.
तो राधा कहती है की मेरा कृष्ण के साथ प्रेम का सबंध है. तो उग्रपत क्रोधित होजाते है ओर कहते है की तुम जानकी हो तुम क्या कह रही हो. जटिला कहती है की यह सब शरु से ही हो रहा था. मेने आपको बताया था. आज इस राधा को अपवित्र घोषित कर दीजिए. तो रीधा कहती है की क्या अनुचित कहा मेने, मे ओर कृष्ण बरसाना ओर व्रिदावन मे साथ खेले, इस धरा ओर वृक्ष ने समान प्रेम दीया है. यशोदा मैया, नन्द बाबा ओर दाऊ ने भी कृष्ण के समान प्रेम दीया है. कोन है इस बरसाना ओर व्रिदावन मे जीसने राधा कृष्ण को अलग अलग प्रेम किया है.
मैया कहती है की राधा कृष्ण प्रेम से जुडे है ओर मे स्वयम् राधा को कृष्ण का तीलक करने का अधिकार देती हु ओर यदी राधा ने तीलक नही कीया तो मे कृष्ण को जाने नही दुगी. तो उग्रपत कहते है की अब माता की आज्ञा स्वयम् इश्वर की आज्ञा होती है जाव राधा इसका पालन करो.
.कृष्ण इस समय चुटकी बजाकर समय को रोक लेते है. कृष्ण अपनी राधा से आखो मे आसु लेकर कहते है की आज मुझे बिलकुल वेसी ही प्केम की अनुभूति हो रही है जेसी तब हुई थी जब मेने तुम्हें प्रथम बार मिला था राधा. वह पहली बार की तरह कृष्ण अपनी राधा की लट्ट सवारते है ओर कहते है की तुम्हारे लट्ट को सवारना अभी शेष है.ओर आज का episode यही पे खतम हो जाता है.
अगले episode मे हम देखेगे की अक्रू कृष्ण और बलराम को रथ मे बिठाकर मथुरा जाने लगते है. तभी राधा आती है ओर रथ के सामने खडी हो जाती है और वह अंतिमबार कृष्ण के साथ विरहरास करने को कहती है और राधा कृष्ण अंतिमबार विरहरास शरु होता है. जिसमे कृष्ण और राधा पहली बार रास के समय खुशी नही आखो मे आसु लेकर अंनत नृत्य अनंत रास करते है.
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