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जैसाकी आपने title देखते पता चल गया है की what a we going to talk about कया होने वाला है radha krishna serial.
आज के episode मे दीखाया जायेगा की मैया यशोदा ओर नन्द बाबा दोनो कृष्ण को जाने की अनुमती दे देते है. कृष्ण कहते है की मे संसार को बताना चाहता हु की जन्म देने वाले से पालने वाला बडा होता है. संसार मुझे सदेव यशोदा नन्दन के नाम से जाने दायेगा आपकी ममता सदेव ममता का प्रतिक रहेगी फिर रात मे राधा कृष्ण मिलते है कृष्ण कहते है मे जाऊगा, तुम्हें अपने सारे वचन स्मरण हैना राधा.
राधा कहती है हा, रंगो से खेलुगी, मे तुम्हें तीलक करुगी, हर्ष के साथ भेजुगी सब कुछ करुगी. कृष्ण कहते है क्या आओगी आज रात मे एक अंतिम बार रासवन मे मिलने तो राधा कहती है जब तुम लोटोगे तब हम रोज मिलेगे ना तुम यह क्यो कह रहे हो किन्तु तुम चिंता मत करो मे रात मे मिलने जरुर आऊगी.
बाद मे कृष्ण दाऊ को कहते है की मे आज रात राधा को सपुर्ण सत्य बता दुगा की मे जाने के बाद कभी नही आऊगा. दुसरी ओर राधा कृष्ण केलिए खीर बनाती है किन्तु दुघ फट जाता है. राधा घबरा जाती है की कही ये अशुभ सकेत तो नही, कृष्ण ने जो कहा अतिम बार मिलने वाले है कही वह सत्य तो नही. कही उसका ओर कृष्ण का विरह तो नही.
मध्यरात्रि मे राधा कृष्ण केलिए अतिमबार मिलने आती है कृष्ण कहते है की आज बासुरी बजाने का मन नही कर रहा ओर कृष्ण उठते है ओर बासुरी गीर जाती है. कृष्ण कापते होठो से बताने की कोशिश करते है की वह वापस नही आयेगे. काधा कहती है की मेरे पास तुम्हारे मन की बात जानने का ओर भी तरीके है कृष्ण.
यदी तुम्हारी प्रेम की बासुरी गिरकर टुट गई तो मे समझ जाऊगी की मेरे मन की आशंकाये सही थी. वह कृष्ण को बांसुरी बजाने को कहती है ताकी वह जान सके की बीसुरी अन्दर के सुर टुटे है की नही. वह कृष्ण को कापते हाथो से देती है ओर कृष्ण बासुरी बजाने लगते है.
किन्तु उसके सुर बिलकुल ठिक होते है ओर राधा समझती है की उसका यह भ्रम था. उसका ओर कृष्ण का कोई विरह नही होगा. वह कृष्ण का हाथ पकड कर , प्रेम से झुले मे बिठाती है ओर वह कृष्ण को अपने महत्व बात बोलने को कहती है जिसके लिए उसे बोलाया. कृष्ण कहने का प्रयास करते है किन्तु कह नही पाते ओर कुछ ओर बोल देते है की मुझे तुम पे गर्व है की तुमने मैया ओर बाबा को इतने प्रेम से बता दीया ने कन्स के पास जा रहा हु ओर फिर भी भय नही है.
फिर राधा कहती है मुझे लगा था की तुम कुछ एसा बताने वाले हो जीसे सुनकर मुझे अत्यत दुख होगा ओर दुघ भी फट गया था जो आज तक नही हुआ किन्तु अब सब ठिक है . राधा कृष्ण को झुला झुलाती है ओर कृष्ण झुलते हुए रोने लगते है की आखीर वह अपनी राधा को केसे कहे. बाद मे कृष्ण दाऊ के पास आते है ओर बताते है की वह राधा को कुछ नही बता पाये.
वह कहते है की केसे बताऊ राधा को, मेने उसकी निर्मल हसी, उसका कोमल ह्रदय देखा केसे तोड दु दाऊ, ओर राधा को बताये बिना मे जाभी नही सकता. दाऊ कहते है की राधा को पूर्ण सत्य बताने का कार्य केवल तुम ही कर सकते हो कृष्ण.
कृष्ण कहते है की नही एक ओर व्यक्ति है जो यह सत्य बता सकता है ओर उसी समय राधा को अपने कमरे मे सोते समय सपने मे दीखता है की कृष्ण ने जब रासवन मे बांसुरी को जमीन से उठाया तो वह टुटी हुई थी लेकिन कृष्ण ने प्रेम के स्वर फुके तब वह ठीक हो गई लेकिन ठीक करने से सत्य नही बदलेगा की कृष्ण से उसका विरह अब होने वाला है.
दुसरी ओर कृष्ण कहते है की मेरे अलावा मेरा सत्य यदी कोई राधा को बता सकता है तो केवल राधा है. दुसरी ओर राधा रो रो कर कहती है की मेरे प्रेम ओर अपने कर्तव्य के बिच फस गया है मेरा कृष्ण ओर वह आधी रात को पागलो की तरह हर तरह के बन्घन तोडकर, हर तरह की रुकावट पार कर के कृष्ण के पास दोडी चली आती है. राधा कहती है इतना प्रेम करते हो मुझसे की कुछ कह नही पाये.
यदी मेरा प्रेम परिशुद्ध है तो वह तुम्हें अपने कर्तव्य पालन से कभी नही रोकेगा तुम तो कह नही पाये किन्तु मे समझ गई कृष्ण की तुम जाओगे तो लोट के कभी नही आओगे ओर इस तरह आज होती राधा कृष्ण की अतिम मुलाकात ओर दोनो ही फुट - फुट कर रोने लगते है ओर आज का episode सही पे खतम हो जाता है.
अगले episode मे हम देखेगे की राधा रो - रो कर कृष्ण से पुछती है की एसा क्या है की तुम अपनी राधा से पुनःलौट के नही आ सकते ओर कृष्ण क्या जवाब देगे ये तो नही दीखाया. दुसरी ओर देवकी ओर वासुदेव कारावास मे दीपक जलाते है वह कन्स को बताते है की देखो कन्स यह दीपक नही तुम्हारे जीवन के बचे कुछ अंतिम दीन है ओर अतिम दीपक बुजते पर क्या होगा तुम्हारा अंत ओर कन्स मुख पर अत्याधिक डर दिखे जाते है.
बस आज के episode मे बस इतना ही अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आ रही हो तो हमे follow कीजिये ताकी हमारी Next Post की update आपको मिलती रहे.
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