Star bharat Radha rishna serial episode 21 Nov, 2019 in hindi on radha krishna serial website. radha krishna serial related news and update in hindi and english and radha krishna status images in hindi nad gujarati languages available on radha krishna serial website.
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जैसाकी आपने title देखते पता चल गया है की what a we going to talk about कया होने वाला है radha krishna serial
आज के episode मे दीखाया जायेगा की राधा कृष्ण को पुछती है की एसा क्या है जो तुम अपनी राधा से वापस नही मिल सकते . कृष्ण कहते है की मेरा कर्तव्य , मेरे माता पिता को छुडवाकर आरंभ होता है खत्म नही. मेरे जन्म का उदेश पुरा करना है. राधा कहती है यह जानते हुए भी कदाचितयह हमारी अंतिम मुलाकात है मे यही कहुगी चले जाओ अपना कर्तव्य पूर्ण करो यही तुम्हारी राधा की इच्छा है. कृष्ण कहते है की सखी की इच्छा मेरा लिए आदेश है.
कृष्ण बहोत रोते है ओर कहतेै मुधे पता था मेरी राधा मुझे मुक्त कर देगी क्योकी प्रेम का अर्थ मागना नही होता है ओर यही संसार केलिए सिख है. राधा कहती है कीएक ओर बात जगत को सिखानी है की परिशुद्ध प्रेम सदा केलिए दो प्रेमियो के बिछड जाने के बाद शुद्घ ओर विशेष रहेता है. मे अपना हर वचन पुरा करुगी कृष्ण. हम अनंत प्रेमी है मिलकर बिछडेगे तो बिछड कर कही ना कही तो मिलेगे ना कृष्ण!
दुसरी ओर देवकी कारावास मे दीपक जलती है ओर तभी कन्स कहता है की मेने कृष्ण को मारने का सारा प्रबंधन कर लिया है. देवकी कहती है की यह दीपक नही तुम्हारे जीवन के बचे कुचे दीन है. ध्यान से देखो आज से हर दीन एक दीया बुजेगा ओर अतिम दीया बुजने पर जानते हो क्या होगा, तुम्हारा अंत ओर कन्स खुदसे उन दीपको को बुजाने का प्रयास करता है किन्तु अनेक बार फुक मारने पर वह दीपको को नही बुजा पाता ओर फिर देवकी कहती है की दीये को अपने आप बुजते हुए देखो कन्स ओर उसी समय एक दीन पूराहोजाता है ओर एक दीया बुज जाता है. देवकी कहती है की अपने जीवन के अंतिम दीन गिनना अब तुम प्रांरभ करलो कन्स.
दुसरी ओर राधा कृष्ण से अंतिम बार मिलकर कृष्ण से दुर जाती है. वह नारायण कि मुर्ती के पास प्राथना करती है की क्यो मुझे इतनी पिडा हो रही है. मानती हु मेने जो किया वह सही थाफिर भी क्यो मे कृष्ण को रोकना चाहती हु. है नारायण अब आप ही मुझे शक्ति दे मेरा कृष्ण अपने कर्तव्य केलिए जा रहा है.
मे उसकी बाधा ना बनु ओर म्री दुर्बलता मेरे कृष्ण के सामने कभी नही आने देना वरना वह कभी नही जायेगा. मुझे शक्ति दीजीये की मे कृष्ण के हर वचन को पुरा कर सकु. मे कृष्ण की शक्ति बनना चाहती हु, मे राधा हु कृष्ण के मार्ग की बाधा नही नही बनना चाहती. दुसरी ओर कृष्ण यह सब सुनकर वचन देते है की वह उनके सारे वचन पुरे किये बिना वह व्रिदावन से नही जायेगे.
दुसरी ओर कन्स यज्ञ शरु करता है ओर वह प्रजा का सारा धन लुट ने लगता है ओर प्रजा त्राहि होकर कन्स से मुक्ति की प्राथना करने लगते है. कुटिला ओर जटिला कन्स के पास आते है. कन्स उनसे कहता है की अक्रु अब तक कृष्ण को यहा लाया क्यो नही. तुम कृष्ण को यहा जल्दी से जल्दी लाने का अब प्रबंध करो.
दुसरी ओर मैया कृष्ण से कहती है की मे ये भी नही जानती की तु कब लोटेगा ओर वह क्स तेरे साथ क्या करेगा उसका क्या उदेश है. तो कृष्ण कहते है की कन्स की कोई भी योजना पुर्ण नही होगी मा. दुसरी ओर जटिसा ओर कुटिला कृष्ण को जल्दी से जल्दी कन्स के पास भेजने केलिए योजना बनाती है की वह पुरे गाव मे यह बात फेला देगे की कृष्ण मथुरा जा रहा है. वह मना नही कर पायेगा अन्यथा उसके माता पिता का बडा अपमान होगा.
दुसरी ओर मैया कान्हा की सारी प्रिय वस्तुओंको बहोत सारी पोटीलीयो मे डाल देती है ओर कृष्ण कहते है की आप चिता ना किजिये मैया मे अपने साथ सारी चिज वस्तुओ को लेकर जाऊगा. फिर कृष्ण दाऊ को कहते है की आज रात जब पुरा बरसाना सो रहा होगा तब हम दो नो यहा से चले जायेगे तभी जटिला ओर कुटिला वहा पे आते है ओर गाव को पता चल गया होता है की अक्रु कृष्ण को मथुरा लेने आया होता ै ऐसा वह सबको बताती है.
दुसरी ओर मुर्ख कन्स कहता हैकी आओ कृष्ण तुम्हारा काल तुम्हारी प्रतिक्षा कर रहा है ओर आज का episode सही पे खतम हो जाता है.
अगले episode मे हम देखेगे की सभी बरसाना वासी रात मे कृष्ण ओर बलराम की जय जय कार के नारे लगाते है ओर उन्हें विदा करने केलिए इकट्ठा होते है फिर उग्रपत कृष्ण की आरती करते है तभी राधा उन्हें रोकते हुए कहती है की कृष्ण का तीलक केवल राधा से होगा. वह आरती की थाली लेकर कृष्ण के पास आती है. उग्रपत चिला कर कहते है की ऐसा कोनसा सबंध है तुम्हारे कृष्ण के साथ की तुम इसका तीलक करने का अधिकार मिल गया तो राधा बिना डरे सपके सामने कहती है की मेरा कृष्ण के साथ प्रेम का सबंध है.
बस आज के episode मे बस इतना ही अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आ रही हो तो हमे follow कीजिये ताकी हमारी Next Post की update आपको मिलती रहे.
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आज के episode मे दीखाया जायेगा की राधा कृष्ण को पुछती है की एसा क्या है जो तुम अपनी राधा से वापस नही मिल सकते . कृष्ण कहते है की मेरा कर्तव्य , मेरे माता पिता को छुडवाकर आरंभ होता है खत्म नही. मेरे जन्म का उदेश पुरा करना है. राधा कहती है यह जानते हुए भी कदाचितयह हमारी अंतिम मुलाकात है मे यही कहुगी चले जाओ अपना कर्तव्य पूर्ण करो यही तुम्हारी राधा की इच्छा है. कृष्ण कहते है की सखी की इच्छा मेरा लिए आदेश है.
कृष्ण बहोत रोते है ओर कहतेै मुधे पता था मेरी राधा मुझे मुक्त कर देगी क्योकी प्रेम का अर्थ मागना नही होता है ओर यही संसार केलिए सिख है. राधा कहती है कीएक ओर बात जगत को सिखानी है की परिशुद्ध प्रेम सदा केलिए दो प्रेमियो के बिछड जाने के बाद शुद्घ ओर विशेष रहेता है. मे अपना हर वचन पुरा करुगी कृष्ण. हम अनंत प्रेमी है मिलकर बिछडेगे तो बिछड कर कही ना कही तो मिलेगे ना कृष्ण!
दुसरी ओर देवकी कारावास मे दीपक जलती है ओर तभी कन्स कहता है की मेने कृष्ण को मारने का सारा प्रबंधन कर लिया है. देवकी कहती है की यह दीपक नही तुम्हारे जीवन के बचे कुचे दीन है. ध्यान से देखो आज से हर दीन एक दीया बुजेगा ओर अतिम दीया बुजने पर जानते हो क्या होगा, तुम्हारा अंत ओर कन्स खुदसे उन दीपको को बुजाने का प्रयास करता है किन्तु अनेक बार फुक मारने पर वह दीपको को नही बुजा पाता ओर फिर देवकी कहती है की दीये को अपने आप बुजते हुए देखो कन्स ओर उसी समय एक दीन पूराहोजाता है ओर एक दीया बुज जाता है. देवकी कहती है की अपने जीवन के अंतिम दीन गिनना अब तुम प्रांरभ करलो कन्स.
दुसरी ओर राधा कृष्ण से अंतिम बार मिलकर कृष्ण से दुर जाती है. वह नारायण कि मुर्ती के पास प्राथना करती है की क्यो मुझे इतनी पिडा हो रही है. मानती हु मेने जो किया वह सही थाफिर भी क्यो मे कृष्ण को रोकना चाहती हु. है नारायण अब आप ही मुझे शक्ति दे मेरा कृष्ण अपने कर्तव्य केलिए जा रहा है.
मे उसकी बाधा ना बनु ओर म्री दुर्बलता मेरे कृष्ण के सामने कभी नही आने देना वरना वह कभी नही जायेगा. मुझे शक्ति दीजीये की मे कृष्ण के हर वचन को पुरा कर सकु. मे कृष्ण की शक्ति बनना चाहती हु, मे राधा हु कृष्ण के मार्ग की बाधा नही नही बनना चाहती. दुसरी ओर कृष्ण यह सब सुनकर वचन देते है की वह उनके सारे वचन पुरे किये बिना वह व्रिदावन से नही जायेगे.
दुसरी ओर कन्स यज्ञ शरु करता है ओर वह प्रजा का सारा धन लुट ने लगता है ओर प्रजा त्राहि होकर कन्स से मुक्ति की प्राथना करने लगते है. कुटिला ओर जटिला कन्स के पास आते है. कन्स उनसे कहता है की अक्रु अब तक कृष्ण को यहा लाया क्यो नही. तुम कृष्ण को यहा जल्दी से जल्दी लाने का अब प्रबंध करो.
दुसरी ओर मैया कृष्ण से कहती है की मे ये भी नही जानती की तु कब लोटेगा ओर वह क्स तेरे साथ क्या करेगा उसका क्या उदेश है. तो कृष्ण कहते है की कन्स की कोई भी योजना पुर्ण नही होगी मा. दुसरी ओर जटिसा ओर कुटिला कृष्ण को जल्दी से जल्दी कन्स के पास भेजने केलिए योजना बनाती है की वह पुरे गाव मे यह बात फेला देगे की कृष्ण मथुरा जा रहा है. वह मना नही कर पायेगा अन्यथा उसके माता पिता का बडा अपमान होगा.
दुसरी ओर मैया कान्हा की सारी प्रिय वस्तुओंको बहोत सारी पोटीलीयो मे डाल देती है ओर कृष्ण कहते है की आप चिता ना किजिये मैया मे अपने साथ सारी चिज वस्तुओ को लेकर जाऊगा. फिर कृष्ण दाऊ को कहते है की आज रात जब पुरा बरसाना सो रहा होगा तब हम दो नो यहा से चले जायेगे तभी जटिला ओर कुटिला वहा पे आते है ओर गाव को पता चल गया होता है की अक्रु कृष्ण को मथुरा लेने आया होता ै ऐसा वह सबको बताती है.
दुसरी ओर मुर्ख कन्स कहता हैकी आओ कृष्ण तुम्हारा काल तुम्हारी प्रतिक्षा कर रहा है ओर आज का episode सही पे खतम हो जाता है.
अगले episode मे हम देखेगे की सभी बरसाना वासी रात मे कृष्ण ओर बलराम की जय जय कार के नारे लगाते है ओर उन्हें विदा करने केलिए इकट्ठा होते है फिर उग्रपत कृष्ण की आरती करते है तभी राधा उन्हें रोकते हुए कहती है की कृष्ण का तीलक केवल राधा से होगा. वह आरती की थाली लेकर कृष्ण के पास आती है. उग्रपत चिला कर कहते है की ऐसा कोनसा सबंध है तुम्हारे कृष्ण के साथ की तुम इसका तीलक करने का अधिकार मिल गया तो राधा बिना डरे सपके सामने कहती है की मेरा कृष्ण के साथ प्रेम का सबंध है.
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