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जैसाकी आपने title देखते पता चल गया है की what a we going to talk about कया होने वाला है radha krishna serial .
आज के episode मे दीखाया जायेगा की राधा रास्ते मे अक्रु से मिलती है. अक्रु बताते है की वह कृष्ण को अपने साथ मथुरा लेने आया है. महाराज कन्स ने घनुर यज्ञ संकल्प किया है राधा कहती है कृष्ण को ही क्यो अक्रु कहता है बहोत सी एसी बात बै जो तुम्हे नही पता किन्तु सह सत्य है की मे तुम्हारे प्रेम को अपने साथ लो जाऊगा राधा मुझे माफ कर देना.
दुसरी ओर कृष्ण दाऊ को तमरे मे कहते है की सज्ज हो जाइसे जाऊ आज राधा मा - बाबा को एसा सत्य बतायेगी जीससे हमे यहा से जाने मे सहायता करेगा. राधा किसी भी शण आती ही होगी ओर तभी जटिला, अंयक ओर कुटिला उसके घर आते है वह कहते है की हमे कृष्ण के विषस पर आपको महत्व बात बतानी है. जटिला बताने वाली होती है तभी कृष्ण अपनी पलके झपका कर वह सब कुछ भुल जाती है ओर कहती है की प्रतोगीता जीतने के बाद पुत्र कृष्ण अभी तक मेरे घर नही आया. अयक कहता है हा, वह घर उसका भी तो है ओर वह सब चले जाते है फिर तीनो घर आजाते है ओर कहते है हम क्या कहने गये ओर क्या कह कर आ गये.
दुसरी ओर राधा कृष्ण के घर आती है ओर अक्रु भी उसके पीछे होते है. अक्रु यशोदा ओर नन्द को कहता है की वह महा घनुर यज्ञ केलिए कृष्ण को आमंत्रित करने आया है. महाराज कन्स ने उसे बोलाया है. उन्हें लगता है की कृष्ण बहोत शक्तिशाली है. यशोदा कहती है की नही मेरा लल्ला कही नही जीयेगा ओर वह राधा को पुछती है की तुम अक्रु को यहा पे क्यो लायी हो तभी राधा कहती है क्योकी मे समझ गई हु मुझे आपको ओर नन्द बाबा को कृष्ण को जाने देना होगा.
नन्द बाबा ओर यशोदा मैया कृष्ण आपका पुत्र नही है. यह सुनकर यशोदा क्रोध होजाती है कहती है कान्हा को सताने केलिए तुम इतनी निच बात क्यो कह रही हो राधा. फिर अक्रु बताता है की यह बात सत्य है राधा सही कह रही है कृष्ण आपके मित्र देवकी ओर वासुदेव का पुत्र है, कन्स का भांजा है. आपके मित्र वासुदेव को आप पर विश्वास खा इसलिए यमुना के भयकर ऊफान को पार कर के कृष्ण को आपके घर छोड गये. वह देवी योगमाया जो आपके घर पुत्री के रुप मे जन्मी थी वह मुक्त हो गई ओर यह विधी का विधान था की आप कृष्ण का पालन पोषण करेगे.
किन्तु यशोदा मैया कहती है कान्हा केवल मेरा पुत्र है. राधा कहती है की समय आ गया है की कृष्ण को अपनी वास्तविक माता - पिता को कारावास से छोडवाने का कठोर है किन्तु यही सत्य है. यशोदा कहती है की तुम्हारे सत्य की पुष्ठी किसने की तभी राधा कहती है कृष्ण ओर दाऊ इस सत्य को पहले ही जानते है ओर मैया कृष्ण से नारायण की सौगत खाने को कहती है की वह उसका पुत्र नही है.
कृष्ण कहते है की मेरे लिए नारायण से उपर मेरी माता है. जिसने मुझे अनेक बार माखन खाते हुए देखा फिर भी मुझे एक भी बार डाटा नही, गोपियो को छेडा, जाने क्या क्या किया ओर मैया ने सदेव मेरी रक्षा की इसलिए नारायण से उपर मेरी मैया है ओर मे उन्ही की कसम खाकर कहता हु जोभी राधा ने कहा उसका एक - एक शब्द सत्य है.
यशोदा कृष्ण का हाथ झंकार कहती है आज तुने अपनी मैया को कितना कष्ट दीसा है. वह कृष्ण को मारने लगती है ओर कहती है कितना कठोर है तु, मेने जीस पुत्र को इतना प्रेम दीया आज उसने मेरा सब कुछ छीन लिया मेरे साथ छल किया. कृष्ण कहते है की मेभी आपसे इतना प्रेम करता हु मैया, ऐसे मे जब बात आपकी खुशी की हो तो आपकी ह्रदय को आहात करने वाली बात केसे बतादु खुद से.
यशोदा कहती है राधा को की वास्तविक अर्थो मे तुम्हें साहस है राधा. तुम्हारा मेरे कान्हा प्रतिक प्रेम भी परिशुद्ध है यही तुम्हारा परिशुद्ध प्रेम ही है जो एक मैया को कह पाई की उसका पुत्र उसका नही है. राधा कहती है कृष्ण को अपने माता - पिता को मुक्त करवाने जाना ही होगा किन्तु आपके भेजे बिना वह कही नही जायेगा. तभी मैया अक्रु से सदेस लेकर कृष्ण को कहती है यदी तुम मुझे मैया मानता है ना, तो तुम अपनी माता पिता को कन्स के कारागार से मुक्त करवा दे. मे तुझे आज्ञा दे रही हु ओर आज का episode सही पे खतम हो जाता है.
अगले episode मे हम देखेगे की राधा कृष्ण के पास दोडी चली आती है तभी कृष्ण कहते है की मुझे रोकने आयी हो राधे. राधा कहती है तुम्हें विदा देने आयी हु, जाव जाकर कन्स का वधं करके अपने माता पिता को छोडकर लाओ. तभी कृष्ण अपने आखो मे आसु भरकर कहते है मे गया तो वापस नही आऊगा.
बस आज के episode मे बस इतना ही अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आ रही हो तो हमे follow कीजिये ताकी हमारी Next Post की update आपको मिलती रहे.
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