Radhakrishna serial : 1-Oct,2019 in hindi

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जैसाकी आपने thumbnail देखते पता चल गया है की what a we going to talk about  कया होने वाला है radha krishna serial, आज के episode.




आज के episode मे दीखाया जायेगा की बरसानामे नवरात्रि की तैयारी होती हैं और कृष्ण दाऊ को राघा की चिंता ना करने को कहते हैं कृष्ण बताते है की यह नवरात्रि के नौव दीन राघा के लिऐ बहुत कठीन हौने है.



यहा पे सब कंस के पास आते है और वि्शभान राधा को चुप रहने को बोलते है. कंस आता है और वि्शभान शमा मागते है और कहते है उन्हें  पता नही था की उनके अनूमती के  हाठं का निर्मान नही कर सकते हैं . कंश उस इंसान को पेश करने को कहा जीसकी परामश  था और राधा बताती है की मेने लोगो की हीत केलिए परामश दीया था कंस दंड क् रुप मे तीन गुना करं मागता है राधा उनहै निणय पे पुनः विचार करने को कहते है कयोकी इस हाठ से सब समुध होके है़.

कंस कौघीक होजाता है की ऐक नारी होकर तुमहै हतना साहस,  अयंक और बाकी सारे सभी शमा मागते है और बातौ ही बातौ मे अयंक यह भी कह देता है की चे राधा खुद नही कह रही है वोतो केवल कृष्ण के कहने पे कर रही है. और कंस भी कहता है की निसंदेह एक छोटी सी  बालीका के कोमल मन मे हाठ निमान का विचार नही आसकता येतो कीसी उदंड बालक काही कायँ होगा और ये जरूर तुम्हारा उदंड सखा कृष्ण केही करामत है.
फीर वो देता है कृष्ण को उसके समुख देने का आदेश और राधा कहती है की हस बात का कोइ भी पंमान नही है की मुजै ये विचार कृष्ण ने दीया कंस कहता है की  ठीक है प़माण की बात हैना तो मुझे भी प़माण चाहीये, कल प़तः मे  मथुरा के सभी हाठो का सामान तुम्हारे  यहा दुगा पर तुम्हें उसे ९ दीनो के अन्दर बेचना होगा और वह बरसाना ले आये  आधे लोगो को बन्दी बना देता है.



फीर वह धमकी देता है की राधा हाठ का सारा सामान ९ दीनो अन्दर नही बेच पाई तो उसे ६ गुना करं देना होगा फिर कृष्ण  को उसके सामने  लाना होगा वरना वो बन्दी बनाये लोगो का वधं कर देगा. वह बतता है की यदी राधा सफल हुई  तो समंस बरसाना को करं मुक्त और बन्दीयो को रिहा कर देगा और राधा इस चुनोती को स्वीकार करती है और कहती है कृष्ण मेने ये चुनोती तुम्हारे कहने पर ही स्वीकार कीया है.



उसके बाद तुरत बरसाना वापस आकर सभा की जाती है ओर ऊग़पत सुजाव देते है की हमे सिघे सिघे कंस को कृष्ण सोप देना चाहीये,  राघा कहती है की उसे स्वयम् पर विश्वास है की उसने जो कीया वह उचित था.

कंस का कौंध ही अनुचित है ओर हमे उसके सामने नही जुकना चाहीये हम प्रयास करेगे तो आवश्यक जीतेगे,  कर्र मुक्त होगे १ वषँ केलीये दिससे हमारा बरसाना बहुत समृद्ध होगा. फीर जटीला कहती है कंस से जीतना  असंभव है वह कंस है इस पर कृष्ण को सोप देना ही उचित है.

कृष्ण कहते है राघा ने जो कहा सतप्रतिसत उचित कहा यह नवरात्रि क्या है हम अछाई की बुराई पर जीत की पुजा करते है और अगर हम स्वयम ही भय से हार गये तो क्या फायदा?
हमे लडना होगा हम सब कंस की बुराई से लडना होगा इस असंभव कार्य को हमे संभव करना होगा अन्यथा नवरात्रि का उत्सव मनाने का कोई फायदा नही.


तभी जटीला कहती है ग्यान्न की पट्टी पढाना बद करो बरसाना बहुतवासीओ को फसाव मत तभी यशोदा बोलती है राघा कृष्ण कह रहे है वो उचित है मे उसके साथ हु, तब सभी बरसाना वासी मुख्यतः स्त्रीया राधा-कृष्णका समर्थन करते है
कृष्ण कहते है की यदी हम असफल होते है तो वह राधा को स्वयम् अपने साथ मथुरा चलेगे और कंस से मिलेगे ओर यशोदा बडे विश्वास से कहती है की मेभी मेरे ल्लला को स्वयम्  वहा पे भेजुगी

जटीला अपने खेल पे पानी फिरा हुआ देखते हुऐ परेशान होजाती है ओर बोलती है की  पुरुषो क्या आपभी उस स्त्रीओ के साथ पुरी की पुरी बरबादी का साथ देना है? ओर वो उन सबको सोच समच कर निणय लेने को कहती है.



यहा राधा-कृष्ण मिलते है ओर राधा बोलती है की वो दोनो केसे सफल होगे? , तभी कृष्ण बोलते है की यदी मनमे प्रेम की शक्ति होना राधे, तो पुरा विष्व जीता जा सकता है यही पाठ पढाने के लिए  नारायण  ओर लश्मी सातवा अवतार  राम ओर सीता के रूप मे आया ओर हमे दंशन होते है हमारे सीताजी के, ओर अाज का episode यहापे खतम होजाता है.


कल के  episode ये दीखाया जायेगा की कान्हा अपनी राघा को श्री नारायण की सातवा अवतार श्री  राम  ओर सीता  की कहानी शरु करते है,  कृष्ण  राधा को बताते है की भगवान  राम ओर सीता ऐक दुसरे से ऐक ही द्रष्टी मे ऐक दूसरे के हो गए थे.

बस आज के episode मे बस इतना ही अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद  आ रही हो तो हमे follow कीजिये  ताकी हमारी Next Post की update आपको मिलती रहे.

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