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जैसाकी आपने title देखते पता चल गया है की what a we going to talk about कया होने वाला है radha krishna serial.
आज के episode मे दीखाया जायेगा की राधा अपने कमरे मे होती है ओर वह यशोदा मा के हाथो से खाना खाने को स्मरण करती है. अगली सुबह जटिला बोलती है की गोपिका भाग गई तभी राधा कहती है नही मा वह पुजा के स्थान गई है वह घर का सारा कीम करने के बाद ही गई है ओर जटिला गोपिका को ढुढने की बात करती है.
दुसरी ओर दाऊ कृष्ण से वल्लभ के बारे मे पुछते है की वह कहा चला गया है तभी कृष्ण कहते है की मेने ही भेजा है आपके काम केलिए ओर फिर कृष्ण दाऊ को चकमा देकर भाग जाते है ओर दाऊ वल्लभ को ढुढने की बात करते है उधर दाऊ ओर जटिला वल्लभ ओर गोपिका को ढुढ रहे होते है ओर यहा पे पुजा स्थल मे कृष्ण ओर राधा आते है.
वहा पे अयंक प्रल्लमबासुर के साथ आता है.अयंक कहता है की महाराज कंस ने हमारी सहायता केलिए भेजा है तभी प्रल्लमबासुर कहता है की इस मुर्ती को बनाने केलिए मुझे किसी की आवश्यकता होगी जब मुझे मनोरंजन की आवश्यकता होगी अर्थात मे कृष्ण को सहायता बनाने को कहता है. कृष्ण मान जाते है वह प्रल्लमबासुर के पास जाते है ओर प्रल्लमबासुर कहता है की कृष्ण को मे पवित्र धागा बानघकर उसे अपने सहयोग के रूप मे समेलित करुगा.
वह सबको आखे बन्द करने को कहते है ओर गोवर्धन पर्वत से पथ्थर लेकर मुर्ती बनाय जायेगी फिर सब लोग आखे बन्द करते है ओर जेसे ही प्रल्लमबासुर कृष्ण को धागा बाधने जाते है तभी कृष्ण के स्थान मे दाऊ आजाते है ओर हमे पता चलता है की कृष्ण की स्थान पे दाऊ नो जगह ले ली है ओर संकल्प के रुप मे प्रल्लमबासुर का सहायता दाऊ बन जाते है.
तभी उग्रपत कहते है की कृष्ण तुमने यह अच्छा नही कीया तभी कृष्ण कहते है की देखीये ना मे कितना कोमल हु इस काम मे इस काम मे किसी बल्लशाली की आवश्यकता है इसलिए मेने यह काम बलराम को दीया है ओर बात है बासुरी की वोतो मे वेसे भी बजालुगा ओर असुर दाऊ को धागा बाघ देते है.
बाद मे कृष्ण दाऊ को बताते है की इस असुरी की मुक्ति आपके हाथो से लिखि है इसलिए मेने उसे आपके साथ रखा है ताकी उसकी असलीयत आप जानकर क्रोधित हो अोर उसका अंत कर दे. उसके मृत्यु के बाद ही हमारा बरसाना छोडने का समय आजायेगा फिर प्रल्लमबासुर राधा के घरमे मुर्ती का कार्य शरु करते है.
फिर गोपिका आती है राधा के घरमे ओर गोपिका राधा को लेकर रसोईघर मे ले जाति है ओर वहा पे अयंक ओर जटिला पहेले से ही खडे होते है ओर जटिला गोपिका को छप्पनभोग बनाने को ओर मोतीचुर के लड्डू सहीत बनाने का काम सोप देती है ओर फिर जटिला ओर अयंक प्रल्लमबासुर सुर के पास जाते है ओर प्रल्लमबासुर शिकायत करते है की तुम मुझे कहा पे ले आये हो जहा पे कृष्ण को आ-जा ने कि वर्जित है जहा पे कृष्ण आ ही नही सकता. तुम लोग कुछ करो जीससे कृष्ण या उसकी प्रिय वस्तु को मे छुसकु.
दुसरी ओर राधा कृष्ण को कहती है की छप्पनभोग ओर वोह भी मोतीचुर के लड्डू के साथ लगता है आज तुम श्याम तक मुझसे मिलने नही आपाओगे. ठीक है, तुम जीओ राधा का कठीन जीवन ओर मे जीने वीली हु कृष्ण का सरल जीवन फिर रीधा कृष्ण के घर जा रही होती है.
तभी जटीला राधा को कृष्ण की प्रिय वस्तु मागती है ओर कहती है की मुर्तीकार ने मागी है. राधा मान जाती है ओर जटीला को कहती है की आज श्याम तक आपको कृष्ण की प्रिय वस्तु मिल जायेगी ओर जटिला वहा से चली जाती है.
दुसरी ओर राधा वल्लभ बनकर कृष्ण के घर जाती है ओर वहा पे देखती है की दाऊ बुरी तरह लकडी काट रहै है ओर बहोत गुस्से मे होते है क्योकी सारा काम उन्हें अकेले करना पड रगा है ओर कृष्ण ओर वल्लभ दोनो ही गायब है. वस्लभ सोचते है की दाऊ से बचकर कृष्ण के कक्ष से उसकी प्रिय वस्तु लेनि है किन्तु केसे ओर आज का episode यही पे खतम हो जाता है.
कल के episode हम देखते है की जटिला उस असुर को कहती है की मुझे पुर्ण विश्वास है की राधा कृष्ण की प्रिय वस्तु अवश्य लायेगी फिर अगले सीन मे हन देखते है की राधा जटिला को कृष्ण का मोरपख देती है जिसे लेकर वह असुर को देती है ओर वह असुर अपने हाथ मे लेता है ओर फिर असुर कुछ ऐसा करता है की जिसे वह मोरपख गायब हो जाता है जीसे देखते ही कृष्ण गुस्से हो जाते है.
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बस आज के episode मे बस इतना ही अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आ रही हो तो हमे follow कीजिये ताकी हमारी Next Post की update आपको मिलती रहे.
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