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जैसाकी आपने title देखते पता चल गया है की what a we going to talk about कया होने वाला है radha krishna serial, आज के episode.
आज के episode मे दीखाया जायेगा की हम देखते है की जटीला ओर अयक हाठ मे होते है ओर जटीला राधा के पास जाकर कबती है की राघा तु मेरे धैर्य की परिशा मत लो, मेरे घर का काम कोन करेगा, तुम यदी पुजा के कामो मे लगी रगोगी उत्तर दो. तभी उग्रपत आजाते है ओर कहते है की जटीला सही कह रही है तुम्हें स्वयम् सुनिश्चित करना होगा की तुम्हें घर का काम ओर पुजा का काम केसे करना होगा. मे तुम्हें आदेश देता हु राघा आज के बाद जटीला जो भी कार्य देगी तुम्हें वह करना ही होगा.
फीर राघा घर मे रसोई मे आती है ओर कहती है की कृष्ण ने कहा था की वह कुछ अेसा करेगा जिससे मे उसका जीवन इनुभव करसकु किन्तु केसे?
दुसरी ओर हम देखते है की कृष्ण गोपिका का रूप धारण करते है ओर तभी उग्रपत राघा को रसोई से बाहर बोलाते है राघा से, देखो कोन आई हे कह रही है की तुम्हारी सखी है
तभी वहापे गोपिका जो स्वयम् को राघा की परम सखी बताती है ओर वो दोनो काफी लम्बे समय बाद मिले सखीयो की तरह गले मिलते है अयंक बोलता है की अगर तुन राघा की सखी हो तो मेने तो तुम्हें कभी बरसाना मे नही देखा तो गोपिका अयंक को छेडते है ओर कहते है की जिजाजी क्या आपने स्वर्ग देखा? उसका मतलब ये भी नही की वो हे ही नहीं तभ राघा सबको बताती है की ये मेरे नन्हीहाल की सखी है फिर गोपिका कहती है की राघा ने मुझे अपने घर के कामो मे सहायता केलिए बुलाया है ताकी राघा पुजा के काम भी कर सके.
तभी जटीला गोपिका को घर मे रखने को मना करती है किन्तु उग्रपत मान जाते है. जटीला गोपिका को कहती है की यदी कोई भी काम समय से नही हुआ या कोई भी गलती की तो, तुम्हें तुरंत घर वापस लोट जाना होगा ओर राघा भी पुजा का काम नही करपायेगी.
फिर गोपिका राघा को प्यार से उसे कहते है की मेरा हाथ पकडते मुझे रसोई मे ले चलो, मुझे थोडीना पता हे की केनसी चिज्ज कहापे है फिर राघा गोपिका का हाथ पकड कर उसे रसोई मे ले जाती है. फिर जटीला अयंक को कहती है की मे इसे इतना काम दुगी की इसकी सांस रुक जायेगी.
दुसरी ओर कृष्ण राघा के कहते है की तुम अपनी हसी के बीच अपनी इर्षा छुपा रही हो क्योकी मे तुमसे अघीक सुदर दीख रही हु राघा कबती है की नीसंन्देह, किन्तु मे तुम्हारा जीवन से अनुभव करुगी तभी कृष्ण कहते है की वल्लभ बन कर जहा जहा गोपिका होगी वहा वहा उसका प्रेमि वल्लभ होगा ही वह राघा को वल्लभ के कपडे देते है.
दुसरी ओर कृष्ण के घर मे बेलगाडी आती है ओर बेलगाडी मे वल्लभ यानी राघा आती है. दाउ उसे देखते है ओर पुछते है तभ राघा बताती है मे वल्लभ हु कृष्ण का प्रिय सखा, दाउ कहते है की कान्हा का कोई मित्र केसे हो सकता है जिसको मे नही जानता ओर इतने कोमल हाथ,कमर पे बासुरी, सर पे मोर, तुम कृष्ण के मित्र कम उसके चमचे ज्यादा लग रहै हो तभी वल्लभ कहते है की बालपन से मेरी मा नही थी इसलिए कीसीने खिलाया पिलाया नही मेने तो आपकी बहुत प्रशंसा सुनी है कृष्ण से, तभी यशोदा आती है वल्लभ को कहती है की कान्हा तुम्हें कभी घर नही लाया ना वरना तुम्हें खिला-पिला कर बल जेसा कर देती.
वल्लभ कहता है की कृष्ण ने कहा की पुजा पुरी होने तक उसकी घरमे रुक कर हमारी सहायता करे. दाउ कहता है की हमारे घरमे कोई जगह नही है तुम्हें गौशाला मे सोना होगा. फीर दाउ चले जाते है फिर राघा कहती है की अब कृष्ण मुझसे मिलने केसे आयेगा इतने सारे काम उसने पुरे ही नही किये होगे.
कल के episode मे दीखेगे की गोपिका मटके मे पानी भर कर जा रही होती है ओर वल्लभ पीछे से मटके को फोडने केलिए हाथ मे पथ्थर लेकर आ रहे होते है. गोपिका बहुत बचने की कोशिश करती है जैसै पहले राघा बचती थी किन्तु वल्लभ बनी हुई राघा मटकी फोड देती है
बस आज के episode मे बस इतना ही अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आ रही हो तो हमे follow कीजिये ताकी हमारी Next Post की update आपको मिलती रह
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