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जैसाकी आपने thumbnail देखते पता चल गया है की what a we going to talk about कया होने वाला है radha krishna serial, आज के episode.
आज के episode मे यह दीखाया जायेगा की कान्हा अपनी राघा को बताते है की श्री राम ओर सीता ने अवतार लिया राधा बताती है की ६ अवतार के बारेमे तो तुमने बताया ही नही , तभी कृष्ण कहते है की छठ्ठा अवतार परशुराम, ओर उनकी गाथा एक दुसरे से सबंघी है राम की गाथा मे परशुराम है ओर परशुराम के नाम मे ही राम है.
फिर कृष्ण कहानी सुनाते है की राम स्वंयवर के लिए मिथुला पहुचते है वहा के वाटीका मे वह विहार करते है ओर वहा पे सौवप्रथम मां सीताजी मिलते है मां सीता का अदभुत सौनद्रय को देखते श्री राम मुरथ हो जाते है
कृष्ण बताते है की राम ओर सीता ने एक दुसरे को पहेली बार देखा, दोनो एक दुसरे मे खो गये ओर पहले द्रष्टी मे एक दुसरे के हो गये.
राधा पुछती है : "ऐक द्रष्टी मे?", कृष्ण बताते है जन्म जन्मात प्रेमी होते है ना राघे वह एक दुसरे को देखते ही आत्म मे ही प्रवेश कर जाते है जहा पर मिलता है सच्चा परिशुद्ध प्रेम ऐसा ही है, ओर ऐसा ही प्रेम मुझे तुमसे है.
उसके बाद देखते है की नवरात्रि की पुजा हो रही है वह बरसाना ते पुरुष यह निणय लेते है वह भाग नही लेगे वह स्त्रीओ के साथ नही रहेगे. तभी राघा कहती है हमे जो करना है हमे वो करने दीजीये विफल होगे तो अतः मे यह कह दीजीये गा की स्रीयो की सुधबुध खोगई थी जो अापके विरूद्ध चुनोती देने चली अेसे कंस का क्रोध भी शात हो जायेगा.
व्रीशभान उन्हें अनुमती देते है ओर वहा पे अयंक कृष्ण तो याद दीलाकर कहते है की तुमभी एक पुरुष हो तुम्हे भी इस निणय को मानना होगा तभी कृष्ण बोलते है मे कोई भी कार्य नही करुगा केवल मार्गदर्शक करुगा, फिर वह दाऊ को कहते है की भविष्य मे होने वाली महासग्राम मे मेरी भुमीका लीक कहीना कही रखनी पडेगी ना दाऊ.
पहा कृष्ण सब को सुजाव देते है की कंस को सामान भेजने दीजीये देखते है, आगे जो अाये.
यहा पे देवकी ओर वासुदेव को यहा कार्यालय मे पता चलता है की, बाकी के जो बन्दी लाये लोग वो बरसाना वासी है ओर वह केदी केदी के पास जाकर बोलते है की क्या आप कृष्ण को जानते हो? तब सब कहते है की महाराज कंस को वही तो चाहीये तब देवकी बताती है कृष्ण आपको शीग्रही मुक्त करवायेगा आप चिन्तित मत रहीये वह दीव्य है किन्तु लोग कृष्ण को कायर कहके हसते है ओर वासुदेव ओर देवकी कहते है की कंस का अन्त नीकट है.
यहा पे हम देखते है की कंस सामान के साथ अक्रु को भेजता है ताकी वह सामान को बीकने ना दे ओर धोशणा करने को कहता है की प्रतीदीन निरघारीक मुल्य के सामान की बीकरी नही हुई तो वह एक - एक केदी का सर काट कर बरसाना भेज देगा वह कहता है की दशेरा पर बरसाना वासीयो अधीक बीकरी को रोकने केलिए अपनी शक्तिशाली आठ शक्तिया भेजेगी जो एक तरह से आठ कंस के समान होगे.
यहा पे कृष्ण ओर दाऊ को यह योजना पता चल जाती है ओर वह बताते है की हम कंस की ओर समीप जाते जा रहे है, दाऊ बस कुछ समय ओर .
यहा पे अगले दीन कृष्ण राघा को मार्गदर्शक बाजार मे कर रहे होते है ओर दाऊ कहते है की यह पुरूष ओर स्री के मघ्यत् तनाव उत्पन्न हूआ है कही वह एक दुसरे को बीगाड ना देय, पुरुष सत्यको नही समज पी रहे है.
तभी कृष्ण कहते है की सत्यमेव जयते सत्य हमेशा विजय होती है.
तभी अक्रु सामान लेकर आजाता है ओर अयंक बताता है की केवल स्रीया ही हाठ पर अडी है पुरुषो पराजय स्वीकार्य कर लिया है. ओर तभी कृष्ण कहते है की स्री देवी का रूप हेते है वह कभी पराजय हो ही नही सकती, कृष्ण को देखते अक्रु भयभीत होजाता है ओर कहता है की प्रतिदीन सामान नही बीका तो एक-एक का सर काटके यहा पे भीजवा देगा.
राधा ओर सभी कहते है की यह अन्याय है फीर भी अक्रु वहा से चला जीता है ओर मंया यशोदा रोने लगती है.
ओर जटीला सोचती है की अब स्रीया पीछे हट जायेगी ओर अब कृष्ण को कंस के सामने जाना ही होगा ओर आज का episode यहा पे खतम हो जाता है.
कल के episode ये दीखाया जायेगा की आ रहे है भगवान श्री राम अगले भाग मे यह दीखाया जाता है की कृष्ण राधा को भगवान श्री राम की कहानी सूनीते है
यह कहानी शरु होती है मां सीता के स्वयंवर से कृष्ण बताते है की राम ओर सीता का वास्तविक विवाह असंभव था ओर यहा पे हम देखते है लन्कापती रावन की entry होती है ओर कहता है की मे लन्कापती रावन हस धनूष को मे उठा उगा जीसे देखते मां सीता भी चिन्तित होजाती है और
तभी हम देखते है मर्यादित पुरुषौत्म श्री राम को बडे विनम्र से आकर कहते है की मे राम इस धनुष को उटा ने की अनुमति मागता हु ओर जीसे देख कर मां सीता के मन मे संतोष आजाता है
बस आज के episode मे बस इतना ही अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आ रही हो तो हमे follow कीजिये ताकी हमारी Next Post की update आपको मिलती रहे
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